रक्षाबंधन पर्व पर योग संग बच्चों के लिए लगी संस्कृति और संस्कार का पाठशाला
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News
गोंडा। भाई-बहन के पवित्र प्रेम, सुरक्षा और विश्वास के प्रतीक पर्व रक्षाबंधन को गांधी पार्क में चल रही नियमित योग कक्षा में बच्चों ने सांस्कृतिक उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस अवसर पर बच्चों ने योग के माध्यम से भारतीय मूल्यों, प्रेम और एकता को आत्मसात किया। योगाचार्य सुधांशु द्विवेदी ने बताया कि योग केवल शरीर की कसरत नहीं, बल्कि संस्कार और अनुशासन की दिशा में एक सशक्त साधना है। बच्चों ने इस पर्व को राखी बांधकर, एक-दूसरे को शुभकामनाएं देकर और रक्षा सूत्र के महत्व को समझते हुए मनाया। योग प्रशिक्षक आशीष गुप्ता ने रक्षाबंधन की ऐतिहासिक और पौराणिक पृष्ठभूमि को साझा करते हुए बताया कि यह पर्व सदियों पुरानी भारतीय संस्कृति की विरासत है। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण और द्रौपदी की कथा सुनाते हुए बताया कि कैसे साड़ी का एक टुकड़ा एक अमर वचन का कारण बना, जो आज भी “रक्षा के बंधन” का प्रतीक है। कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों को भारतीय परंपराओं से जोड़ते हुए, उन्हें योग के माध्यम से संस्कार और जीवन मूल्यों का बोध कराना था। इस विशेष आयोजन में आशीष गुप्ता, रिषित, शिवा, शौर्य, श्रीम, पंछी, बिट्टू, अपर्णा, भार्गवी, सात्विक, काशवी, गौरी, खुशी, आदर्श, भाव्या, शिवांश, साक्षी, अक्षरा, कृष्णा, काव्या, शगुन, उत्कर्ष, नक्श, सिया, शांभवी, रुद्रा, अर्जुन, प्रज्वल सहित कई बच्चे शामिल हुए। पर्व और परंपरा को योग की भावना से जोड़ने वाला यह आयोजन सभी के लिए प्रेरणादायी रहा।



