रेडियो दिवस पर विशेष
रेडियो क्रांति: गोण्डा बना उत्तर भारत का मीडिया हब
रेडियो अवध बना टॉप परफॉर्मर, ज्ञानस्थली ने किया डिजिटल युग में प्रवेश
अपने FM के एप के जरिए जिले क्या देश विदेश के कोने कोने तक बनाई गोंडा के रेडियो स्टेशनों ने अपनी पहुंच
रेडियो ज्ञानस्थली और रेडियो अवध ने बटोरे हैं बहुत भारी संख्या में श्रोता
जनजागरण की मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं रेडियो के प्रसारण
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News
गोण्डा। उत्तर भारत में गोण्डा जिले ने रेडियो प्रसारण के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। जिले के दो प्रमुख सामुदायिक रेडियो स्टेशन—रेडियो अवध 90.8 FM और रेडियो ज्ञानस्थली 89.6 FM—ने अपनी अलग पहचान बना ली है। एक ओर रेडियो अवध को उत्तर भारत के “टॉप परफॉर्मर” का खिताब मिला, तो दूसरी ओर रेडियो ज्ञानस्थली ने डिजिटल मीडिया में कदम रखते हुए वीडियो पॉडकास्ट स्टूडियो और डिप्लोमा इन डिजिटल मास कम्युनिकेशन कोर्स की घोषणा की है।
रेडियो अवध: जनजागरण और मनोरंजन का अनोखा संगम
एलबीएस डिग्री कॉलेज से संचालित रेडियो अवध 90.8 FM ने अपने प्रसारण के दो वर्षों में ही जनसमस्याओं, सामाजिक जागरूकता, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और मनोरंजन के क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया है। हाल ही में इसे राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो सम्मेलन, दिल्ली में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरीन योगदान के लिए टॉप परफॉर्मर का अवार्ड मिला।
रेडियो अवध के कार्यक्रम निदेशक जानकी शरण द्विवेदी ने बताया कि यह स्टेशन सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक श्रोताओं के लिए भक्ति संगीत, युवाओं के लिए प्रेरणादायक कार्यक्रम, महिलाओं के मुद्दों पर विशेष चर्चाएं और स्वास्थ्य व कृषि आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत करता है।
टीबी उन्मूलन अभियान में भी रेडियो अवध ने अहम भूमिका निभाई है। यूपी दिवस पर टीबी जागरूकता अभियान के तहत इसके प्रचार वाहन को प्रभारी मंत्री ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
रेडियो ज्ञानस्थली: गोण्डा का पहला कम्युनिटी रेडियो अब डिजिटल युग में
रेडियो ज्ञानस्थली 89.6 FM, जो देवीपाटन मंडल और गोण्डा का पहला सामुदायिक रेडियो स्टेशन है, अब डिजिटल मीडिया क्रांति की ओर कदम बढ़ा रहा है। इस रेडियो स्टेशन की शुरुआत 9 दिसंबर 2022 को तत्कालीन जिलाधिकारी डॉ. उज्जवल कुमार के कर-कमलों से हुई थी।
रेडियो ज्ञानस्थली ने न सिर्फ 2 लाख से अधिक श्रोताओं का भरोसा जीता, बल्कि अब डिजिटल युग में प्रवेश करते हुए 18 फरवरी 2025 को दो बड़ी परियोजनाएं शुरू करने जा रहा है। वीडियो पॉडकास्ट स्टूडियो: अब रेडियो केवल ऑडियो तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि वीडियो माध्यम से भी लोगों तक पहुंचेगा। इसके अलावा डिप्लोमा इन डिजिटल मास कम्युनिकेशन: मीडिया, रेडियो, पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया में करियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए 6 महीने का डिप्लोमा कोर्स शुरू किया जाएगा।
रेडियो ज्ञानस्थली के डायरेक्टर डॉ. दीपेन सिन्हा ने बताया कि यह पहल स्थानीय युवाओं को डिजिटल युग से जोड़ने और नए करियर अवसर देने में मील का पत्थर साबित होगी।
गोण्डा: सामुदायिक रेडियो से मीडिया क्रांति तक
रेडियो अवध और रेडियो ज्ञानस्थली की यह उपलब्धियां यह साबित करती हैं कि गोण्डा अब सिर्फ सुनने वाला नहीं, बल्कि अपनी आवाज पूरे उत्तर भारत में गूंजाने वाला शहर बन चुका है। सामुदायिक रेडियो से डिजिटल मीडिया तक का यह सफर जिले को एक नए मीडिया हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम है।



