कलेक्ट्रेट सभागार में विकास कार्यों एवं मुख्यमंत्री डैशबोर्ड की समीक्षा बैठक सम्पन्न*
*विकास योजनाओं एवं कार्यक्रमों को समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण तरीके से किया जाय पूर्ण-जिलाधिकारी*
*मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर दर्ज सभी संकेतकों की सतत की जाय मॉनिटरिंग*
*जनहितकारी योजनाओं का लाभ सभी पात्र लाभार्थियों तक समय से पहुँचाये अधिकारी*
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News
*गोंडा 24 सितम्बर 2025*।
कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी श्रीमती प्रियंका निरंजन की अध्यक्षता में विकास कार्यों एवं मुख्यमंत्री डैशबोर्ड की प्रगति की समीक्षा हेतु बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती अंकिता जैन सहित जनपद के समस्त विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में जिलाधिकारी ने विभागवार समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी विकास योजनाओं एवं कार्यक्रमों को समयबद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूर्ण किया जाए। मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर दर्ज लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी विभागीय अधिकारी नियमित रूप से फीडबैक अपलोड करें और अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराएं।
जिलाधिकारी ने प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन, अमृत सरोवर, मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, पेंशन योजनाओं, आयुष्मान भारत योजना, स्कूल शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, पोषण अभियान इत्यादि महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षा करते हुए प्रगति में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर दर्ज सभी संकेतकों की सतत मॉनिटरिंग की जाए ताकि जनहितकारी योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों तक समय पर पहुँच सके।
मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती अंकिता जैन ने बताया कि जनपद में अधिकांश योजनाओं में सतत प्रगति हो रही है, किन्तु कुछ विभागों को अपनी कार्यशैली में और अधिक सक्रियता लाने की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि वे क्षेत्रीय भ्रमण कर मौके पर कार्यों की गुणवत्ता की जांच करें एवं समस्या आने पर तुरंत समाधान सुनिश्चित करें।
बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि शासन की प्राथमिकताओं को गंभीरता से लेते हुए पारदर्शिता एवं जवाबदेही के साथ कार्य करें। लापरवाही पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री डैशबोर्ड की समीक्षा के दौरान पंचायती राज विभाग की खराब रैंकिंग पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि जब तक पंचायती राज विभाग की रैंकिंग “बी” श्रेणी में नहीं आती है तब तक के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी का वेतन अवरुद्ध कर दिया जाय।



