शिक्षकों ने प्रशिक्षण के दौरान यात्रा व्यय और अव्यय वस्थाओं को लेकर किया डायट का घेराव, उप शिक्षा निदेशक को सौंपा मांगपत्र
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News

गोंडा। शिक्षक संघर्ष समिति गोंडा के नेतृत्व में शिक्षकों ने प्रशिक्षण के दौरान हो रही समस्याओं और यात्रा व्यय की मांग को लेकर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) गोंडा का घेराव किया। इस दौरान शिक्षकों ने उप शिक्षा निदेशक को एक मांगपत्र सौंपा, जिसमें उनकी परेशानियों और सुझावों का उल्लेख किया गया।

उत्तर प्रदेश जूनियर हाईस्कूल पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ की जिलाध्यक्ष किरन सिंह ने बताया कि पूर्व में बीआरसी (ब्लॉक रिसोर्स सेंटर) पर प्रशिक्षण कराया जाता था, जो सभी के लिए सुविधाजनक था। लेकिन अब शिक्षकों को 50-50 किलोमीटर दूर डायट बुलाया जा रहा है, जिससे उन्हें न केवल समय बल्कि आर्थिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है। यात्रा व्यय भी शिक्षकों को नहीं दिया जा रहा, जिससे उनकी स्थिति और कठिन हो रही है।

शिक्षक संघर्ष समिति के संयोजक सतीश पांडेय ने कहा कि डायट पर प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को कई तरह की अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है। इनमें मोबाइल नेटवर्क की समस्या, बाथरूम की साफ-सफाई और अन्य आधारभूत सुविधाओं की कमी प्रमुख हैं। महिला शिक्षिकाओं को इन समस्याओं के कारण विशेष परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

अटेवा के जिलाध्यक्ष अमर यादव और सह संयोजक गौरव पांडेय ने कहा कि शिक्षकों को रोजाना सैकड़ों किलोमीटर का सफर करना पड़ रहा है। उन्होंने बीआरसी पर ही प्रशिक्षण कराने की पुरानी व्यवस्था को फिर से लागू करने की मांग की।

विशिष्ट बीटीसी शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अनूप सिंह और आजाद बेग ने कहा कि यदि समस्याओं का समाधान जल्द नहीं हुआ, तो शिक्षक प्रतिनिधिमंडल इस मांग को लेकर महानिदेशक से भी मिलेगा। इस प्रदर्शन में बेसिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मुशीर सिद्दीकी, ओमप्रकाश पासवान, पवन सिंह, शिवकुमार, रत्नेश द्विवेदी, विशाल वर्मा, पुनीत कुमार, सन्तराम वर्मा, दिलीप सिंह, गौरव सिंह, गंगा बख्श सिंह, आशुतोष पांडेय, बाल कृष्ण गुप्ता, सोनाली मिश्रा, अंकिता दूबे, राधा यादव, कविता तिवारी, रानू शुक्ला, राहुल सेन, हनुमंतलाल शुक्ला, बृजेश वर्मा, शिव पूजन कनौजिया, पवन दूबे, रामभजन लाल सहित अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।

शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। उनका कहना है कि शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए शिक्षकों को सम्मान और सुविधा मिलनी चाहिए।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *