अब रात में भी होंगे इमरजेंसी ऑपरेशन, मेडिकल कॉलेज गोंडा में बड़ा बदलाव – मरीजों को मिलेगी 24×7 सुविधाएं
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News
गोंडा। स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक सुधार की दिशा में गोंडा जिले के स्वशासी मेडिकल कॉलेज के बाबू ईश्वर शरण अस्पताल की सूरत साल भर के भीतर पूरी तरह से बदल जाएगी। अब यहां मरीजों को 24 घंटे और सातों दिन इमरजेंसी सेवाएं उपलब्ध होंगी। रात में भी ऑपरेशन किए जाएंगे और गंभीर मरीजों को लखनऊ रेफर करने की मजबूरी काफी हद तक समाप्त हो जाएगी। अस्पताल को आधुनिक स्वरूप देने के लिए कई निर्माण और व्यवस्थाओं को गति दी जा रही है।
गुरुवार को मेडिकल कॉलेज में आयोजित संयुक्त प्रेसवार्ता में प्राचार्य प्रो. धनंजय श्रीकांत कोटास्थाने, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनिल तिवारी और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. डी.एन. सिंह ने योजना की विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर हॉस्पिटल मैनेजर डॉ. दीक्षा द्विवेदी, डॉ रजनीश सिंह भी मौजूद रहीं।
अब मेडिकल कॉलेज जैसी महसूस होगी व्यवस्था अभी तक लगता था जिला अस्पताल
अस्पताल प्रशासन ने बताया कि अभी तक यह अस्पताल जिला अस्पताल जैसा लगता था, लेकिन आने वाले एक साल में यहां मेडिकल कॉलेज की वास्तविक फीलिंग दिखाई देगी। मरीजों को बेहतर इलाज, आधुनिक जांच सुविधाएं और आपातकालीन हालात में तुरंत उपचार मिलेगा।
एडवान्स इमरजेंसी वार्ड और आईसीयू की होगी व्यवस्था
अस्पताल में 30 बेड का नया इमरजेंसी वार्ड बनाया जा रहा है। इसमें ग्रीन जोन, येलो जोन और रेड जोन की व्यवस्था होगी, ताकि मरीजों की गंभीरता के हिसाब से तत्काल इलाज शुरू किया जा सके। इसके अलावा 6 बेड का इमरजेंसी आईसीयू स्थापित किया जाएगा, जिससे गंभीर मरीजों को बेहतर और सुरक्षित इलाज मिल सकेगा।
24×7 ब्लड और पैथोलॉजी सुविधा होगी
इमरजेंसी के दौरान तुरंत जांच और उपचार सुनिश्चित करने के लिए छोटी पैथोलॉजी लैब मौके पर ही बनाई जाएगी। इसके अलावा ब्लड बैंक की व्यवस्था 24 घंटे चालू रहेगी। यही नहीं, पैथोलॉजी और जांच सेवाएं भी चौबीसों घंटे उपलब्ध होंगी।
नई बिल्डिंग में MRI मशीन
नई बिल्डिंग में अत्याधुनिक एमआरआई मशीन लगाने की तैयारी है। इसके बाद मरीजों को जांच के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इससे लखनऊ रेफर करने की समस्या भी काफी हद तक समाप्त होगी।
तीमारदारों के लिए लागू होगा पास सिस्टम
भीड़ नियंत्रण और मरीजों को बेहतर सुविधा देने के लिए अब अस्पताल में तीमारदारों के लिए पास सिस्टम लागू किया जाएगा। इससे केवल अधिकृत लोग ही मरीजों तक पहुंच सकेंगे और व्यवस्था सुचारू रूप से चल सकेगी।
अधिकारियों ने दिए निर्देश
स्टेट नोडल ऑफिसर एल.बी. मिश्रा ने हाल ही में निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया था और इमरजेंसी सेवाओं को बेहतर बनाने पर जोर दिया था। वहीं, मंडलायुक्त ने भी अस्पताल परिसर में निर्माण कार्य और सुधार की समीक्षा की थी।
प्राचार्य प्रो. कोटास्थाने ने कहा, “अब यहां मेडिकल कॉलेज का स्वरूप नजर आएगा। मरीजों को गोंडा में ही उच्चस्तरीय इलाज मिलेगा। हमारी प्राथमिकता है कि गंभीर मरीजों को लखनऊ न भेजना पड़े। आने वाले एक वर्ष में यह अस्पताल प्रदेश के बेहतर मेडिकल कॉलेजों की श्रेणी में खड़ा होगा।”
मुख्य सुधार एक नजर में
- 30 बेड का अत्याधुनिक इमरजेंसी वार्ड (ग्रीन, येलो, रेड ज़ोन व्यवस्था)
- 6 बेड का इमरजेंसी आईसीयू
- 24×7 ब्लड बैंक और पैथोलॉजी सेवा
- मौके पर ही छोटी पैथोलॉजी लैब
- नई बिल्डिंग में MRI मशीन
- तीमारदारों के लिए पास सिस्टम
- लखनऊ रेफर करने की मजबूरी कम होगी



