विकास भवन सभागार में उद्यान एवं बेसिक शिक्षा विभाग की योजनाओं की समीक्षा बैठक की
सीडीओ अंकिता जैन ने संचालित योजनाओं की बिंदुवार ली जानकारी
जिला उद्यान अधिकारी रश्मि शर्मा ने PPT आधारित जानकारी दी
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News :

शुक्रवार को विकास भवन सभागार में एक विशेष समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें उद्यान विभाग और बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की गहन समीक्षा की गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अंकिता जैन ने की। इस अवसर पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी और जिला उद्यान अधिकारी रश्मि शर्मा सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

बैठक की शुरुआत में जिला उद्यान अधिकारी रश्मि शर्मा ने योजनाओं की प्रगति का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने विभागीय योजनाओं के तहत चल रही गतिविधियों और उनकी प्रगति पर एक पावरपॉइंट प्रस्तुति (PPT) के माध्यम से जानकारी दी। इस मौके पर विभाग से कनिष्ठ सहायक रमन सिंह, कंप्यूटर सहायक हरीश पांडे, देव नारायण सिंह, और उद्यान निरीक्षक रोहन यादव भी सभागार में उपस्थित थे। सीडीओ अंकिता जैन ने प्रत्येक स्लाइड की विस्तार से जानकारी ली और योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति पर चर्चा की।

बैठक में रश्मि शर्मा ने बताया कि विभिन्न परियोजनाएं जैसे कि मिनी सेंटर ऑफ एक्सिलेंस पंतनगर (बादशाहबाग) और हाईटेक नर्सरी नरैचा, छपिया (निर्माणाधीन) पर काम चल रहा है। इसके अलावा, प्रस्तावित हाईटेक नर्सरी मुजेहना और हाईटेक नर्सरी फार एग्रोफारेस्ट्री करतुआ-कन्दुरखी, झझंरी का कार्य निर्माणाधीन स्थिति में है।

सीडीओ अंकिता जैन ने विभागीय योजनाओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए, उनके कार्यान्वयन की गति और उनके महत्व पर बल दिया। बैठक में प्रमुख योजनाओं पर निम्नवत जानकारी दी गई:

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) की जानकारी दी

रश्मि शर्मा ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य सिंचाई का आधुनिकीकरण और प्रत्येक बूंद से अधिकतम उत्पादन सुनिश्चित करना है। योजना के अंतर्गत लघु एवं सीमांत किसानों को ड्रिप, मिनी-स्प्रिंकलर और रेनगन जैसी सिंचाई प्रणालियों पर 90% तक अनुदान और मध्यम-बड़े किसानों को अधिकतम 5 हेक्टेयर तक 80% अनुदान अनुमन्य है। इस योजना की प्रगति को मुख्यमंत्री (सीएम) डैशबोर्ड पर भी दर्ज किया गया है।

 राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के बारे में बताया

इस योजना के अंतर्गत कुल पांच प्रकार के कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इनमें सब्जी क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम और फल क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम प्रमुख हैं।

सब्जी क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम: इस कार्यक्रम के तहत हाई-वैल्यू सब्जियों जैसे शिमलामिर्च, टमाटर, पत्तागोभी, फूलगोभी, खीरा, लौकी, करेला, तरोई, परवल की खेती पर एक एकड़ तक मानक लागत का 50% तक अनुदान दिया जा रहा है।

फल क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम: प्रमुख फलों जैसे आम, केला, लीची, अमरूद, पपीता, और किन्नु की खेती पर अधिकतम 4 हेक्टेयर तक मानक लागत का 50% तक अनुदान दिया जा रहा है। विशेष रूप से चालू वित्तीय वर्ष से इस कार्यक्रम में ड्रेगनफ्रूट और स्ट्रॉबेरी की खेती को भी शामिल किया गया है, जिस पर मानक लागत का 50% तक अनुदान दिया जाएगा।

बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी ने सभी उपस्थित अधिकारियों से योजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने विभागीय योजनाओं की प्रगति में पारदर्शिता बनाए रखने और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए टीम भावना के साथ काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। विकास भवन सभागार में आयोजित इस समीक्षा बैठक ने उद्यान विभाग और बेसिक शिक्षा विभाग की योजनाओं की प्रगति और भविष्य की दिशा को लेकर रणनीति तैयार की गई।

 

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