*एक नवाचार ऐसा भी, सोनबरसा स्कूल में लांच किया गया मन की बात बोलती पेटिका*

 

पेटिका जिसमें बच्चें लिखकर डाल सकेंगे मन के सवालों की पाती
*मन की बात बोलती पेटिका सोनबरसा के बच्चों के समस्या समाधान का बना साधन*
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News :

गुरुवार को शिक्षा क्षेत्र मनकापुर के कम्पोजिट विद्यालय सोनबरसा बक्सरा आज्ञाराम में एक नई परम्परा की शुरुआत की गई। जिसके अंतर्गत प्रधानाध्यापक आलोक कुमार भारती द्वारा मन की बात बोलती पेटिका का उद्घाटन किया गया। इस पेटिका का निर्माण शिक्षक बलजीत सिंह कनौजिया के देख-रेख व मार्गदर्शन में किया गया। शिक्षक से इस पेटिका के उद्देश्य के बारे में जब पूंछा गया तो उन्होंने बताया कि अमूमन ज्यादातर बच्चे अपने दिल व मन की बात को कहने से झिझकते हैं। बस इसी समस्या के निदान हेतु हमारे दिमाग में ये विचार कि ऐसी पेटिका का निर्माण किया जाए जिसमें बच्चे अपने मन की बात को लिखकर डाल सकें। बच्चों को ये हिदायत दी गई है कि किसी बच्चे को पत्र में अपना नाम या क्लास का उल्लेख नहीं किया जाना है।जिससे उनकी गोपनीयता बनी रहे। बच्चों को जब यह जानकारी हुई तो वे बहुत खुश हुए। पेटिका का ताला खोला गया बच्चों ने अपने अपने चिट/ पत्र में क्या लिखे उसका कुछ नमूना इस प्रकार है – फलां शिक्षक बहुत अच्छा पढ़ाते हैं, फलां मैम जी बहुत अच्छी हैं कभी किसी को मारती नहीं, फलां शिक्षक बहुत गुस्सैल हैं, वे भंडारी बहुत अच्छे हैं। सुबह की प्रार्थना सभा बहुत अच्छी होती है खूब मज़ा आता है। सामान्य ज्ञान,पीटी,योगा, गीत और बहुत कुछ। खाने में नमक कम रहता है फीका फीका लगता है। सोमवार को तो फल मिलता है बहुत मजा आता है। मैदान छोटा है खेलने में मजा नहीं आता। सर जी खेलने भी कम देते हैं। वे बच्चे बहुत गन्दे होते हैं जो जूते चप्पल इधर उधर कर देते हैं। फलां लड़का बहुत झगड़ालू है आदि आदि। शिक्षिका शताब्दी वर्मा द्वारा बताया गया कि बोलती पेटिका बहुत उपयोगी है। इससे बच्चों में कल्पना शक्ति के विकास के साथ ही वाक्य बनाने में भी सहायक है। शिक्षक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि बच्चों के मन की बात को जब हम पढ़ते हैं तो हम सब को यह पता चलता है कि हमें कहां और किस क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता है। पेटिका में लगभग सभी बच्चों ने अपने विचार लिख के डाले। उद्घाटन समारोह को सफल बनाने में शिक्षक सुरेश कुमार, देवेंद्र प्रताप, अनुराधा मिश्रा, पूनम यादव, अमर ज्योति, चित्रावती मौर्य व बच्चों में साकिरा बानो, पूनम,राज बाबू, संगीता, अर्चना, रुमा, ताज मोहम्मद, उन्नति, माधुरी, अंकित, अंजलि, भूमिका, अनुराग, सूरज,रोशनी, अजय, करन, अनामिका आदि बच्चों का महत्वपूर्ण रोल रहा।

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