वरिष्ठ संवाददाता, प्रदीप मिश्रा

इनसे सीखें
शिक्षकों को भी देते हैं बेहतर शिक्षण के टिप्स
बच्चों से लेते हैं स्कूलिंग का रिपोर्ट कार्ड

गोण्डा। स्कूलिंग को बेहतर बनाने के लिए बीएसए प्रेमचन्द्र यादव ने नायाब नुस्खा अपनाया है। वे स्कूलों के निरीक्षण के दौरान बच्चों के ज्ञान की टोह तो लेते ही हैं इसके बाद वे चाक डस्टर उठाकर शिक्षक बन जाते हैं। बच्चों को बेहतरी से पढ़ाने, पढ़ाते समय बच्चों की हामी भरवाते रहने आदि की निपुणता के साथ शिक्षण कार्य करने लगते हैं।

वे बताते हैं कि वो चाहते हैं कि बच्चों के मन मस्तिष्क में जो बाते सीधे तौर पर बैठ जाएं वही तरीका पढ़ाने के दौरान

अपनाया जाना चाहिए, क्लास लेकर वे बच्चों के साथ शिक्षकों के सामने भी नजीर पेश करते हैं।

शिक्षकों को नहीं कर रहे हतोत्साहित : बीएसए प्रेमचन्द्र

अपने स्कूल दौरों के बीच शिक्षकों को हतोत्साहित नहीं करते बल्कि उनसे जुड़कर स्कूल को बेहतर देने के लिए तैयार करते हैं। वे शिक्षकों को उनकी जिम्मेदारियों का बोध कराते हैं और छात्र उपस्थिति बढ़ाने पर भी जोर देते हैं। बीएसए ने बताया कि बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अभिभावकों के साथ बैठक कर उन्हें इसके लिए प्रेरित करने के टिप्स भी वे स्कूल स्टाफ को देते हैं। अभिभावकों के साथ बैठक कर बच्चों के मौखिक रिपोर्ट कार्ड सुनाए जाते रहें। जिससे बेहतर तालमेल स्थापित होगा बच्चे पढ़ने लिखने से पूरी तरह से जुड़े रहेंगे। उन्होंने बताया कि बच्चे के लिए स्कूल इतना आकर्षित करने वाला हो कि बच्चा स्कूल आने से कभी कतराए नहीं बल्कि स्कूल आए बिना उसका मन ना माने।

ताबड़तोड दो दर्जन स्कूलों के निरीक्षण में अपनाया यही फार्मूला :

बीएसए ने इधर बीच किए गए अपने निरीक्षणों में यही फार्मूला अपनाया है। जिसमें उन्होंने शिक्षकों के टीम के साथ स्कूलों को कान्वेंट सरीखा खड़ा कर देने का लक्ष्य लिया है। कायाकल्प के जरिए स्कूलों के ढांचागत सुधार किए जाएंगे। कक्षा कक्षों में सुधार कर उन्हे ंबेहतर करने के कार्य पर जोर डाला जाएगा।

स्मार्ट कक्षाओं पर दिया गया जोर

स्मार्ट कक्षाओंेसे स्कूलों को लैस किया जाएगा। इसके लिए आडियो विजुअल शिक्षण तकनीक अपनाई जाएगी। जिससे बच्चों का स्कूलों से जुड़ाव बढ़ेगा। आडियो विजुअल कान्टेंट बच्चों के गहरे मन में बैठ जाते हैं।

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