शिक्षक राखाराम गुप्ता के नेतृत्व में तैयार हुआ “हमने सीखा” प्रश्नबैंक, प्राथमिक शिक्षा में नवाचार की अनूठी पहल
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News

गोण्डा। शिक्षा जगत में नवाचार और गुणवत्तापूर्ण शिक्षण को नई दिशा देने के लिए राज्य अध्यापक पुरस्कार प्राप्त शिक्षक राखाराम गुप्ता (प्रधानाध्यापक, प्राथमिक विद्यालय बकौली पुरवा, बेलसर) ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। उनके नेतृत्व में जनपद गोंडा की नवोन्मेषी टीम द्वारा “हमने सीखा” नाम से प्रश्नबैंक तैयार किया गया है। इस प्रश्नबैंक में कक्षा 3 से 5 तक के सामाजिक विषय की पाठ्यपुस्तकों से चुने गए 351 महत्वपूर्ण तथ्यात्मक बिंदुओं को संग्रहित किया गया है।

बच्चों की सीखने की प्रक्रिया को खूब मिलेगा बल

राखाराम गुप्ता का मानना है कि बच्चों की सीखने की गति तभी तेज हो सकती है जब उनके लिए अध्ययन को सरल और रोचक बनाया जाए। इसी सोच को साकार करते हुए उन्होंने इस प्रश्नबैंक की रूपरेखा तैयार की। उनका विश्वास है कि इस प्रश्नबैंक के अध्ययन से प्राथमिक स्तर का कोई भी विद्यार्थी पाठ्यक्रम आधारित प्रश्नों का उत्तर देने में सक्षम हो जाएगा और उसकी शैक्षणिक नींव और भी मजबूत होगी।

सहयोगियों का रहा सराहनीय योगदान

इस प्रश्नबैंक को तैयार करने में शिक्षिकाओं अर्चना शुक्ला, स्वाति मलिक, प्रियंका रानी और श्रेष्ठा शर्मा ने विशेष सहयोग दिया। गुप्ता ने उनके योगदान की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षा सुधार की दिशा में सामूहिक प्रयास ही वास्तविक परिणाम देता है। उन्होंने यह भी कहा कि गोंडा के शिक्षक हमेशा से शिक्षा जगत में नवाचार के लिए तत्पर रहते हैं और यह प्रश्नबैंक उसी परंपरा का हिस्सा है।

शिक्षा जगत में चर्चा का विषय बनी है ये पहल

“हमने सीखा” प्रश्नबैंक को लेकर जिले भर के शिक्षकों और अभिभावकों में उत्साह देखा जा रहा है। इसे विद्यार्थियों के लिए न सिर्फ सीखने का साधन, बल्कि आत्मविश्वास बढ़ाने वाला उपकरण माना जा रहा है। शिक्षा क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि इस पहल से न केवल बच्चों की परीक्षा परिणामों में सुधार होगा, बल्कि उनमें सामान्य ज्ञान के प्रति गहरी रुचि भी विकसित होगी।

भविष्य की योजनाओं के भी दिए संकेत

शिक्षक राखाराम गुप्ता ने बताया कि आने वाले समय में इस तरह की नवाचारपरक सामग्री को अन्य विषयों में भी विकसित करने की योजना है, ताकि प्राथमिक शिक्षा स्तर को और सशक्त बनाया जा सके। उनका कहना है कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य बच्चों को जीवन के हर क्षेत्र में सक्षम और आत्मनिर्भर बनाना है, और यह प्रश्नबैंक उसी दिशा में एक ठोस कदम है।

 

 

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