हिंदी जन-जन के मन की भाषा है : राजेश बडोरिया
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
गोंडा, 26 सितंबर।
भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग के निर्देशानुसार नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, गोंडा की ओर से गुरुवार को इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के सभागार में सामूहिक हिंदी कार्यशाला, राजभाषा नीति ज्ञान, सामान्य बैंकिंग टिप्पण, अनुवाद प्रतियोगिता एवं विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर नगर के सभी केंद्रीय कार्यालयों, उपक्रमों और बैंकों-बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ स्वागत भाषण के साथ हुआ। इंडियन ऑयल डिपो प्रबंधक सत्येंद्र कुमार ने समिति के अध्यक्ष एवं इंडियन बैंक के आंचल प्रमुख राजेश बडोरिया तथा उपस्थित सभी अधिकारियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हिंदी भारतीय संस्कृति की आत्मा है और हमें एक सूत्र में जोड़ती है। हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग करके हम न केवल अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं बल्कि कार्यकुशलता और संवाद क्षमता को भी बढ़ाते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समिति अध्यक्ष एवं इंडियन बैंक के आंचल प्रमुख राजेश बडोरिया ने कहा कि “हिंदी जन-जन के मन की भाषा है। हर व्यक्ति अपने मनोभावों को मातृभाषा के माध्यम से ही सहजता से व्यक्त कर सकता है। भारत सरकार द्वारा भाषा के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना हमारा दायित्व है। राष्ट्र की पहचान उसकी भाषा से होती है और हमें प्रयास करना चाहिए कि हिंदी संघ की राष्ट्रभाषा बने। साथ ही सभी क्षेत्रीय भाषाओं को भी उनका पूर्ण सम्मान और गौरव मिलना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि कार्यालयों में हिंदी का प्रयोग केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि आत्मीयता का प्रतीक है। यह हमारे संवाद को सरल बनाती है और आमजन तक सरकारी नीतियों को पहुंचाने का सशक्त माध्यम है।
कार्यशाला के दौरान सदस्य सचिव डॉ. अंजनी कुमार पांडे ने भारतीय संविधान में राजभाषा संबंधी प्रावधानों, अनुच्छेदों और राजभाषा नीति पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने प्रतिभागियों को वार्षिक कार्यक्रम के अनुरूप कार्यालयों में हिंदी के प्रयोग की अनिवार्यता पर बल दिया। डॉ. पांडे ने कहा कि राजभाषा हिंदी का प्रयोग सरकारी कार्य संस्कृति में सहजता और पारदर्शिता लाता है।
कार्यक्रम में आयोजित प्रतियोगिताओं—सामान्य बैंकिंग टिप्पण लेखन, अनुवाद प्रतियोगिता एवं ज्ञान परीक्षण—में प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। प्रतिभागियों ने हिंदी में अपने विचार और ज्ञान को प्रस्तुत कर राजभाषा के प्रति अपनी निष्ठा को प्रकट किया। इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से न केवल हिंदी के प्रयोग की समझ बढ़ी बल्कि कार्यक्षेत्र में इसे लागू करने की प्रेरणा भी मिली।
पूरा कार्यक्रम सदस्य सचिव डॉ. अंजनी कुमार पांडे के कुशल संचालन में संपन्न हुआ। समापन सत्र में प्रतिभागियों ने भी अपने विचार रखे और हिंदी के प्रयोग को और सशक्त बनाने का संकल्प लिया।
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति द्वारा आयोजित यह कार्यशाला प्रतिभागियों के लिए न केवल ज्ञानवर्धक रही बल्कि राजभाषा हिंदी को कार्यकुशलता और प्रशासनिक संवाद का प्रमुख माध्यम बनाने की दिशा में सार्थक पहल साबित हुई।



