नीरज पाण्डेय को ‘हिन्दी व्यंग्य परम्परा’: सुशील सिद्धार्थ का प्रदेय शोध- प्रबंध पर मिली पी-एच.डी.
– हिन्दी के विद्वानों ने हर्ष व्यक्त करते हुए दी बधाई।
प्रदीप मिश्रा, वरिष्ठ संवाददाता
Gonda News ::
‘हिन्दी व्यंग्य परम्परा : सुशील सिद्धार्थ का प्रदेय’ शीर्षक शोध- प्रबन्ध पर नीरज कुमार पाण्डेय अध्यक्ष हिन्दी विभाग किसान पीजी कालेज बहराइच को डा. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या की ओर से पी-एच.डी. की उपाधि से सम्मानित किया गया है। श्री पाण्डेय ने अपना शोध- प्रबंध लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष डा. शैलेन्द्र नाथ मिश्र के निर्देशन में प्रस्तुत किया था।
शोध प्रबंध के विषय वस्तु व व्यंग्य के उद्भव पर चर्चा करते हुए हुए शास्त्री कालेज के अध्यक्ष हिन्दी विभाग व शोध निदेशक डा. शैलेन्द्र नाथ मिश्र ने बताया कि समाज की विद्रूपता और जन्में असन्तोष को व्यक्त करने का व्यंग्य सबसे सशक्त माध्यम है। श्री मिश्र ने कहा कि सुशील सिद्धार्थ जाने-माने पत्रकार स्तम्भकार व सम्पादक रहे हैं। उनकी व्यंग्य कृति ‘मालिश पुराण ‘, ‘नारद की चिंता’, ‘राग लन्तरानी’ है। अवधी में ‘बागन बागन कहै चिरैया’ चर्चित पुस्तकें हैं। श्री सिद्धार्थ व्यंग्य-प्रस्तुति कलात्मक शक्ति से भरपूर है। शोधकर्ता श्री पाण्डेय ने शोध प्रबंध में हिन्दी साहित्य की सशक्त व्यंग्य की पूर्ववर्ती परम्परा का भी सम्यक रूप से निर्वचन किया है। शोध प्रबंध के परीक्षक प्रो. राजेश कुमार मल्ल आचार्य दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय अनुसंधान की प्रशंसा की है। इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रो.रवींद्र कुमार प्राचार्य श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज गोंडा प्रो.जितेंद्र सिंह महामंत्री, आक्टा, प्रो.अनुराग मिश्र, साकेत महाविद्यालय अयोध्या ,प्रो. परेश पाण्डेय, प्राचार्य ,प्रो. शुचिता पाण्डेय, प्राचार्य ,प्रो. जयशंकर तिवारी, प्रो.जन्मेजय तिवारी व डा. उमानाथ सिंह ने बधाई दी है।

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