रिपोर्टर इस्लाम खां 

गोण्डा। भारत सरकार से प्रतिबंधित दवाओं के असल स्टाक की पूरी जानकारी मेडिकल स्टोरों से औषधि प्रशासन विभाग ने तलब की है। यही नहीं इन दवाओं के बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने में विभाग जुट गया है। ड्रग इंस्पेक्टर रजिया बानो ने बताया कि ये दवा कंपनियों को रोकी जा रही दबाए वापस की जाएं। उन्होंने जोर देकर कहा कि छापेमारी में अवैध स्टाक मिलने पर दवाएं तो नष्ट ही करा दी जाएंगी और लाइसेंस निस्तीकरण की कार्रवाई करने के साथ विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तरफ से इसका स्पष्ट शासनादेश जारी किया गया है। जिसमें निमोसुलाइड व पैरासीटामाल के घुलनशील दवाएं, एमाक्सीसिलिन के साथ ब्रोमोहेक्सिन, फोलकोछीन के साथ प्रोमेथजीन, क्लोरोफेनरामाइन मेलेट के साथ डेक्स्ट्रोमेथोर्फेन और बुवाइफेनसिन अमोनियमक्लोराइड मेंथाल के साथ वाली दवा, क्लोरोफेनरामाइन मेलेट के साथ कोडीन सिरप, डेक्स्ट्रोमेथोर्फेन और ब्रोमोहेक्सिन, अमोनियमक्लोराइड , साल्ब्यूटामाल के साथ ब्रोमोहेक्सिन जैसी दवाओं के खाने व बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।
अभियान चलाकर की जाएगी छापेमारी : प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाने का नोटिस विभाग ने जारी किया है। इसी के साथ ही छापेमारी का पूरा खाका खींचा है। जहां कहीं भी विभागीय अफसरों को यह दवा खरीद बिक्री मिली तो टीम सम्बन्धित के साथ कड़ाई से पेश आएगी। विभाग ने स्टाक की सूचना मांगी है और दवाओं को बिक्री से पूरी तरह से अलग करने की चेतावनी दी है।

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