प्रदीप मिश्रा वरिष्ठ संवाददाता 

 

प्रशिक्षित किए गए मास्टर ट्रेनर

स्कूल छोड़ने से पहले बच्चों को पहचाने जाने और उन्हें पढ़ाई और स्कूल से भावनात्मक रूप से जोड़ने का दिया प्रशिक्षण

गोण्डा, संवाददाता।पढ़ाई के प्रति बच्चों के रूझान की निगरानी कर उनके स्कूल और उनके पढ़ाई के प्रति लगाव का पता लगाया जाएगा। ऐसे बच्चे जिनका स्कूल से मोहभंग हो रहा होगा उन्हें पहचान कर उन्हें भावनात्मक रूप से स्कूल से जोड़ा जाएगा। इसी पर आधारित एक अर्ली वार्निंग सिस्टम की दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। बेसिक शिक्षा विभाग और यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में पूर्व संकेत प्रणाली यानी अर्ली वार्निंग सिस्टम पर आधारित दो दिवसीय कार्यशाला का शुक्रवार दूसरा दिन रहा। कार्यशाला की शुरूआत बीएसए के सम्बोधन से हुई। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण लेकर इसे सभी ब्लॉकों में प्रधानाध्यपकों को प्रशिक्षित किया जाए। प्रशिक्षण लेकर मास्टर ट्रेनरों को इसके लिए तैयार रहने को कहा गया।


राज्य स्तरीय प्रशिक्षकों द्वारा मास्टर ट्रेनर्स को विद्यालयों में उपस्थिति बढ़ाने के लिए लक्षित बच्चों की पहचान करने के तरीकों तथा विभिन्न प्रपत्रों को भरने का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। उल्लेखनीय है कि सरकारी विद्यालयों में सामाजिक, आर्थिक, जागरूकता के अभाव आदि कारणों से नियमित छात्र उपस्थिति की समस्या बनी रहती है।

जिससे बच्चों की सीखने की गति प्रभावित होती है। जिसके लिए कार्यशाला में प्रशिक्षक इन्द्रभान तिवारी द्वारा लक्षित बच्चों की ट्रैकिंग एंड रिस्पांस प्रणाली के संचालन का विधिवत अभ्यास कराया गया, जिसमें बुलावा टोली, दूरभाष, गृह भ्रमण, विद्यालय प्रबंध समिति, स्थानीय निकाय, ग्राम प्रधान, खण्ड शिक्षा अधिकारी व उच्चाधिकारियों आदि के सहयोग से अभिभावकों को प्रेरित व जागरूक कर लगातार अनुपस्थिति वाले बच्चों की विद्यालय में नियमित उपस्थिति सुनिश्चित कराने के तौर तरीकों पर चर्चा की गई।
रिवीजन कराया गया : समग्र शिक्षा प्रशिक्षण आफीसर प्रज्ञा सिंह ने सबसे पहले दिन के प्रशिक्षण का रिवीजन कराया। प्रशिक्षक अमिताभ नाथ, हेमांक, अविनाश व सुनील ने केस स्टडी के जरिए बच्चों की पहचान किए जाने के बारे में बताया गया। विद्यालय में यदि बच्चे ने अनुपस्थित रहने की अदत पनपी मिली तो ऐसे बच्चों की निगरानी बढ़ाई जानी होती है। बच्चों के उपस्थिति व उनके पढ़ाई की स्थिति का जाएजा लिया जाएगा। इस दौरान खण्ड शिक्षा अधिकारी उपेन्द्र त्रिपाठी, सीमा पाण्डेय, फिजा मिर्जा आदि ने भी मास्टर ट्रेनरों को सम्बोधित किया।
कार्यशाला में एआरपी श्याम नारायण पाण्डेय, राघवेन्द्र प्रताप सिंह, सत्यव्रत वर्मा, पुष्कर तिवारी, अनिल कुमार मिश्रा, भगवान दीन, आशुतोष द्विवेदी, राम विलास वर्मा, बृजेश कुमार सिंह, ऊषा वर्मा, जयप्रकाश यादव, संजय दूबे आदि उपस्थित रहे।

 

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