प्रदीप मिश्रा वरिष्ठ संवाददाता 

पत्र में लिखा रहेगा कुपोषण के निराकरण के लिए जागरुक करने वाले उपाय भी

गोण्डा, संवाददाता। बच्चों, किशोरियों व गर्भधात्री महिलाओं को कुपोषण से बचाव के लिए जनजागरुकता पर डीएम नेहा शर्मा ने जोर दिया है। डीएम ने निर्णय लिया है कि वे खुद लोगों को जागरुक करने वाला एक पत्र भेजेंगी। प्रधानों को यह पत्र भेजा जाएगा। जिसे ग्रामीणों के साथ बैठक में लोगों को इसे पढ़कर सुनाया जाएगा। इस पत्र में कुपोषण से बचाव के नुस्खे तो होंगे ही साथ में विभाग से संचालित योजनाओं का जिक्र होगा। सुपोषकता के बढ़ावे टिप्स के अलावा विभाग से उठाए गए कदमों की जानकारी भी दी जाएगी। कुल मिलाकर डीएम की यह पाती लोगों को जागरुक करने के काम आएगी। जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार मौर्या ने बताया कि सुपोषण माह में विभिन्न तरीकों से लोगों तक विभाग अपनी पहुंच बना रहा है। इससे योजनाओं के संचालन में आसानी हो रही है।
हर गांव एक गोष्ठी बनेगी जनजागरुकता का हथियार : हर एक गांव में एक गोष्ठी का आयोजन होगा। जिसे प्रधान और पंचायत सचिव के अलावा बाल विकास विभाग व स्वास्थ्य विभाग की एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से आयोजित किया जाएगा। इसी गोष्ठी में डीएम का पत्र पढ़कर सुनाया जाएगा। और विभागों से संचालित योजनाओं से जनता के संतृप्तीकरण पर भी खुलकर चर्चा हो सकेगी। पंचायतों की यह बैठक एक खुलर बैठक के तर्ज पर की जाएगी।


विभागों के बीच तालमेल बिठाने में सहायक होगी यह पाती : डीएम की यह पाती विभिन्न विभागों के बीच आपसी तालमेल को बढ़ाने वाली होगी। पंचायत विभाग, विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, बाल विकास, शिक्षा विभाग को तालमेल बैठाने के काम भी यह खुली बैठक बखूबी आएगी। डीएम की जिले के ब्लॉकों के विभिन्न ग्राम पंचायतों में आयोजित की गई चौपालों से भी सीख मिल है जिसे आगे बढ़ाया जाएगा।

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