**गन्ना किसानों के लिए राज्य सरकार के बड़े फैसले, नई सट्टा नीति जारी**
*लघु और अति लघु किसानों को मिलेगी प्राथमिकता, यांत्रिक गन्ना कटाई को भी दी गई अनुमति*
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
state desk
लखनऊ, 12 सितंबर 2024: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गन्ना किसानों के हित में कई अहम फैसले लिए हैं, जो पेराई सत्र 2024-25 के दौरान लागू होंगे। गन्ना और चीनी आयुक्त की अध्यक्षता में हुई बैठक में नई सट्टा और आपूर्ति नीति की घोषणा की गई है, जिसमें किसानों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए कई नए प्रावधान शामिल किए गए हैं।
**मुख्य बिंदु:**
– **नए गन्ना समिति सदस्यों को लाभ**: पेराई सत्र 2023-24 में चीनी मिल की औसत गन्ना आपूर्ति या जिले की गन्ना उत्पादकता का 65% तक सट्टा का लाभ मिलेगा।
– **छोटे और अति लघु किसानों को प्राथमिकता**: 72 कुन्तल तक सट्टा धारक छोटे किसानों को पेडी गन्ने की पर्चियां 01 से 03 पक्ष में और पौधे गन्ने की पर्चियां 07 से 09 पक्ष में जारी की जाएंगी। 36 कुन्तल तक के अति लघु किसानों को पहले पक्ष में पेडी गन्ने और सातवें पक्ष में पौधे गन्ने की पर्चियां जारी होंगी।
– **ड्रिप इरिगेशन करने वाले किसानों को अतिरिक्त सट्टा**: जल संरक्षण और गन्ना उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से ड्रिप इरिगेशन अपनाने वाले किसानों को अतिरिक्त सट्टे में प्राथमिकता दी जाएगी।
– **अतिरिक्त बॉन्डिंग की सुविधा**: पेड़ी और शरदकालीन पौधाधारक किसानों को 6वें पक्ष से अतिरिक्त बॉन्डिंग का लाभ दिया जाएगा।
– **को. 15023 गन्ना प्रजाति को प्राथमिकता**: इस अगेती संवर्ग की पर्चियां 01 से 02 पक्ष में पेडी गन्ने के लिए और 07 से 08 पक्ष में पौधे गन्ने के लिए जारी होंगी।
### **मशीनीकरण को बढ़ावा, यांत्रिक गन्ना कटाई को अनुमति**
नई सट्टा नीति के तहत पहली बार यांत्रिक गन्ना कटाई (Mechanical Cane Harvesting) की अनुमति दी गई है। चीनी मिलों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यांत्रिक कटाई शुरू करने के लिए किसानों से सहमति लेने के बाद प्रस्ताव प्रस्तुत करना होगा। इस प्रस्ताव पर केन इम्प्लीमेंटेशन कमेटी विचार करेगी और उचित निर्णय लेगी।
**शिकायत निवारण के लिए हेल्पलाइन**
किसानों की सुविधा के लिए मुख्यालय स्तर पर एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जहां टोल-फ्री नंबर 1800-121-3203 पर किसान अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।
राज्य सरकार के ये फैसले किसानों की आय में वृद्धि और गन्ना उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किए गए हैं। पेराई सत्र 2024-25 में चीनी मिलों के सुचारू संचालन के लिए विभाग द्वारा विशेष व्यवस्था की जा रही है, ताकि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
### गन्ना किसानों के हित में बड़े फैसले: राज्य सरकार ने जारी की नई सट्टा एवं आपूर्ति नीति
#### अति लघु कृषकों को मिलेगा विशेष लाभ, यांत्रिक गन्ना कटाई की मिली अनुमति
राज्य सरकार ने गन्ना किसानों के हित में एक बड़ा कदम उठाते हुए पेराई सत्र 2024-25 के लिए नई सट्टा एवं आपूर्ति नीति जारी की है। इस नीति में गन्ना आपूर्ति के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जो विशेष रूप से छोटे और अति लघु गन्ना किसानों के लिए फायदेमंद साबित होंगे। प्रमुख सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास के निर्देशानुसार आयुक्त, गन्ना एवं चीनी ने यह नीति घोषित की।
#### छोटे और अति लघु गन्ना किसानों को प्राथमिकता
पहली बार, पेराई सत्र 2023-24 में नये गन्ना समिति सदस्यों को 65 प्रतिशत तक गन्ना सट्टा का लाभ मिलेगा। छोटे गन्ना किसानों (72 कुन्तल तक सट्टा धारक) की पेड़ी गन्ने की पर्चियां 01 से 03 पक्ष में तथा पौधे गन्ने की पर्चियां 07 से 09 पक्ष में जारी की जाएंगी। अति लघु गन्ना किसानों (36 कुन्तल तक सट्टा धारक) की पेड़ी गन्ने की पर्चियां पहले पक्ष में और पौधे गन्ने की पर्चियां सातवें पक्ष में जारी की जाएंगी।
#### ड्रिप इरीगेशन और अतिरिक्त बांडिंग की सुविधा
जल संरक्षण और गन्ना उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए ड्रिप इरीगेशन का उपयोग करने वाले गन्ना किसानों को अतिरिक्त सट्टे में प्राथमिकता दी जाएगी। इसके साथ ही, पहली बार पेड़ी और शरदकालीन पौधाधारक किसानों को छठे पक्ष से अतिरिक्त बांडिंग की सुविधा दी जाएगी।
#### यांत्रिक गन्ना कटाई की अनुमति
गन्ना खेती में मशीनीकरण को बढ़ावा देने के लिए पहली बार यांत्रिक गन्ना कटाई की अनुमति दी गई है। इच्छुक चीनी मिलों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसे लागू करने की सुविधा मिलेगी, जिससे गन्ना कटाई के लिए समय और श्रम दोनों की बचत होगी।
#### शिकायत निवारण के लिए टोल फ्री नंबर
किसानों की शिकायतों के निवारण के लिए एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। किसान टोल फ्री नंबर 1800-121-3203 पर कॉल करके अपनी समस्याओं का समाधान करवा सकते हैं।
राज्य सरकार के इन फैसलों से गन्ना किसानों को काफी राहत मिलेगी और पेराई सत्र के दौरान उन्हें गन्ना आपूर्ति में किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।



