डिप्टी फूड कमिश्नर विजय प्रभा ने की श्रमिकों के राशन कार्ड बनाने की योजना की गहन समीक्षा, आधार कार्ड नहीं लगाने वाले श्रमिकों पर चिंता
डिप्टी फूड कमिश्नर ने कहा कि श्रमिक राशन कार्ड बनवाकर सरकारी राशन वितरण योजना से जुड़ें
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि आधार कार्ड देने से कतरा रहे हैं तमाम श्रमिक
आधार कार्ड बनवाने के लिए कोटेदार श्रमिकों से कई कई बार कर चुके हैं संपर्क
योजना में शामिल हैं कोरोना काल में परदेश से लौटे श्रमिक
श्रम विभाग मे पंजीकृत श्रमिकों को राशनकार्ड दिलाने की कवायद में जुटा है खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News :
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने श्रमिकों के राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया है। इस सिलसिले में डिप्टी फूड कमिश्नर विजय प्रभा ने विभागीय अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक कर योजना की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि श्रमिकों को सरकारी राशन वितरण योजना से जोड़ना अत्यंत आवश्यक है, ताकि उन्हें सरकार द्वारा प्रदान की जा रही अनाज योजनाओं का लाभ मिल सके।
डिप्टी कमिश्नर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कई श्रमिक अब भी आधार कार्ड जमा करने से कतरा रहे हैं, जो राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया में एक बड़ी बाधा बन रही है। इस चुनौती को देखते हुए कोटेदारों ने बार-बार श्रमिकों से संपर्क किया है, लेकिन बावजूद इसके बहुत से श्रमिक आधार कार्ड जमा नहीं कर रहे हैं, जिससे उनके राशन कार्ड बनने में देरी हो रही है।
यह योजना विशेष रूप से उन श्रमिकों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से बनाई गई है जो कोरोना महामारी के दौरान परदेश से अपने गांव लौटे हैं। डिप्टी कमिश्नर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इन श्रमिकों को राशन कार्ड बनवाने के लिए हर संभव प्रयास करें और उन्हें योजना के लाभों के प्रति जागरूक करें।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग इस वक्त श्रम विभाग के साथ मिलकर उन सभी श्रमिकों की सूची तैयार कर रहा है जो श्रम विभाग में पंजीकृत हैं, ताकि उन्हें जल्द से जल्द राशन कार्ड प्रदान किया जा सके। विभाग का लक्ष्य है कि सभी पात्र श्रमिकों को सरकारी योजना से जोड़ा जाए, जिससे उनकी आजीविका को समर्थन मिल सके और उन्हें सस्ती दरों पर अनाज उपलब्ध हो सके।
डिप्टी कमिश्नर विजय प्रभा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे आधार कार्ड से संबंधित समस्याओं का समाधान निकालें और श्रमिकों को हरसंभव सहायता प्रदान करें। साथ ही, उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि राशन वितरण प्रक्रिया पारदर्शी हो और किसी भी प्रकार की अनियमितता न हो।
इस बैठक के दौरान यह भी चर्चा हुई कि जिन श्रमिकों के पास आधार कार्ड नहीं है, उनके लिए विशेष अभियान चलाकर आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी। इसके अलावा, उन श्रमिकों के लिए भी प्रयास किए जाएंगे जो किसी अन्य कारण से राशन कार्ड प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि श्रमिकों को राशन वितरण योजना से जोड़ने का मुख्य उद्देश्य उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करना है। सरकारी योजनाओं के माध्यम से उन्हें सस्ता और गुणवत्तापूर्ण अनाज उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है, और इसके लिए विभाग हरसंभव कदम उठा रहा है।
सरकार का यह कदम श्रमिकों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो कोरोना काल में वापस अपने गांव लौटे थे और अब रोजगार की तलाश में संघर्ष कर रहे हैं। राशन कार्ड बनने के बाद उन्हें सरकारी अनाज वितरण केंद्रों से कम कीमत पर अनाज उपलब्ध होगा, जिससे उनके परिवारों की आजीविका में भी सुधार होगा।
डिप्टी कमिश्नर ने अंत में अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि इस योजना का लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचे और किसी भी तरह की धोखाधड़ी या भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश न हो। उन्होंने कहा कि यह योजना श्रमिकों के कल्याण के लिए है और इसे सफल बनाना हम सभी की जिम्मेदारी है।



