संविधान दिवस से अटल जयंती तक एससीपीएम ग्रुप ने किया 30328 प्रकृति परीक्षण का ऐतिहासिक आयोजन
प्रकृति परीक्षण का चला सघन अभियान
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News :
एससीपीएम आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ने 26 नवंबर संविधान दिवस से 25 दिसंबर अटल बिहारी वाजपेयी जयंती तक एक माह तक चलने वाले देशव्यापी प्रकृति परीक्षण अभियान का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस अभियान के तहत 30328 लोगों का प्रकृति परीक्षण किया गया, जिसमें आयुर्वेद की पुरानी परंपराओं को नए सिरे से जनसामान्य तक पहुंचाने का प्रयास किया गया।
अभियान का शुभारंभ एस.सी.पी.एम. ग्रुप के चेयरमैन डॉ. ओ.एन. पांडे, अध्यक्ष अल्का पांडे, प्रबंध निदेशक आयुष पांडे और आयुषी पांडे, निदेशक अजिताभ दुबे, प्रशासक धीरज कुमार दुबे, और आयुर्वेदिक कॉलेज की प्राचार्या डॉ. सिंपल चौहान की उपस्थिति में हुआ। इस पहल ने न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा दिया, बल्कि आयुर्वेद की महत्ता को भी एक नई पहचान दिलाई।
अभियान के दौरान गोंडा सहित विभिन्न जनसामूहिक स्थानों पर प्रकृति परीक्षण कैंप लगाए गए। इन शिविरों में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के महत्व को समझा।
कार्यक्रम में 475 स्वयंसेवकों ने भाग लिया, जिनमें 415 छात्र, 52 शिक्षक, और 8 अस्पताल स्टाफ शामिल थे। इन स्वयंसेवकों ने सामूहिक रूप से 30328 लोगों का प्रकृति परीक्षण किया।
कॉलेज के स्टूडेंट्स ने 15438 प्रकृत्ति परीक्षण किया। संस्थान के शिक्षकों ने 12669 परीक्षण किया अस्पताल स्टाफ ने 2221 प्रकृति परीक्षण किया
चेयरमैन डॉ. ओ.एन. पांडे ने कहा कि “इस अभियान का उद्देश्य सिर्फ चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना नहीं था, बल्कि लोगों को आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के महत्व से अवगत कराना था। हमारा संस्थान इस दिशा में लगातार प्रयासरत है, और यह अभियान उसी का एक सफल उदाहरण है।”
संस्थान की निदेशक अल्का पांडे ने कहा कि
“यह आयोजन आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था। हमें खुशी है कि इतनी बड़ी संख्या में लोग इसका हिस्सा बने।”प्रबन्ध निदेशक आयुषी पांडे ने कहा कि प्रधानमंत्री और आयुष मंत्रालय से प्रेरणा मिली। इस अभियान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रताप राव जाधव की प्रेरणा मिली। उनके संदेशों ने इस आयोजन को और भी प्रभावशाली बनाया।
संस्थान के निदेशक अजिताभ दुबे ने कहा कि ये एक स्वास्थ्य और आयुर्वेद को बढ़ावा देने की पहल है। अभियान के दौरान आयुर्वेदिक उपचार और प्राकृतिक चिकित्सा के बारे में जागरूकता फैलाने के साथ-साथ लोगों को उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए प्रेरित किया गया है।
एससीपीएम ग्रुप के प्रबंध निदेशक आयुष पांडे ने कहा,
“हमारे छात्रों और शिक्षकों ने इस अभियान में जिस तरह से भाग लिया, वह प्रेरणादायक है। यह आयोजन आयुर्वेद को नई पीढ़ी तक ले जाने का एक बड़ा कदम है।”प्रशासक धीरज दुबे ने कहा कि संस्थान ने भविष्य में ऐसे और अन्य जागरूकता अभियानों का आयोजन करने की योजना बनाई है ताकि आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा की महत्ता को बढ़ावा दिया जा सके।
यह अभियान स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ाने का प्रतीक बना। आयुर्वेदिक चिकित्सा को जनसामान्य के लिए सरल और सुलभ बनाने का प्रयास भी था। इस ऐतिहासिक आयोजन ने स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में एक नया मानदंड स्थापित किया है।



