शहर में बिखरी पंजाबी संस्कृति की छटा, नगर कीर्तन शोभायात्रा का भव्य आयोजन
गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व पर निकली शोभायात्रा, जगह-जगह हुआ पुष्प वर्षा से स्वागत
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News
गुरु गोविंद सिंह महाराज के प्रकाश उत्सव के पावन अवसर पर शुक्रवार को शहर में भव्य नगर कीर्तन एवं शोभायात्रा का आयोजन किया गया। शोभायात्रा में बड़ी संख्या में सिख समुदाय के महिला और पुरुष श्रद्धालु शामिल हुए। पंज प्यारों की अगुवाई में पारंपरिक परिधान पहने सिख श्रद्धालु गुरुवाणी गाते हुए शहर की गलियों से गुजरे। शोभायात्रा के मार्ग में विभिन्न स्थानों पर श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर गर्मजोशी से स्वागत किया। पूरे शहर में ‘सतनाम श्री वाहे गुरु’ की पवित्र ध्वनि गूंजती रही।
शोभायात्रा का शुभारंभ गुरुद्वारा दुखनिवारण साहब से हुआ, जो शहर के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरी। इस दौरान सिख समाज के लोगों ने आपसी सद्भाव का संदेश दिया।
शोभायात्रा के दौरान सिख समुदाय के कलाकारों ने पारंपरिक युद्धकला ‘गतका’ का शानदार प्रदर्शन किया। सीने पर बर्फ की सिल्ली रखकर उसे हथौड़े से तोड़ने जैसे हैरतअंगेज करतब देखकर लोग दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो गए। पंजाबी गतका पार्टी के कौशल भरे प्रदर्शन ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
गुरुद्वारा दुखनिवारण साहब में प्रकाश पर्व के अवसर पर विशेष भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। हजूरी रागी भाई हरप्रीत सिंह ने भजन प्रस्तुत किया, वहीं भाई राजेंद्र सिंह रागी ने ‘राजन के राजा, महाराजन के महाराजा’ जैसे शबद गाकर श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।
कार्यक्रम के समापन पर गुरुद्वारा परिसर में गुरु का लंगर आयोजित किया गया। हजारों श्रद्धालुओं ने जमीन पर पंक्तिबद्ध होकर लंगर प्रसाद ग्रहण किया।
इस आयोजन में सरदार गुरदीप सिंह छाबड़ा, महेन्द्र सिंह छाबड़ा, इकबाल सिंह खुराना, जसपाल सिंह सलूजा, पिंकी सलूजा, सुरजीत सिंह और नरेंद्र सिंह सहित कई अन्य लोगों का विशेष सहयोग रहा।
गुरुनानक सत्संग सभा के सचिव राजेंद्र सिंह खुराना ने बताया कि गुरु गोविंद सिंह महाराज के बलिदान का एक अद्वितीय इतिहास है। उनके योगदान को याद करते हुए यह आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने पूरी श्रद्धा से भाग लिया।



