वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन घोटाले में आरटीओ दफ्तर के दो बाबू फंसे, गिरी गाज
कनिष्ठ लिपिक निलंबित, वरिष्ठ लिपिक के निलंबन की संस्तुति
अफसरों ने कहा, जांच जारी है, फर्जीवाड़े में कुछ अन्य भी शामिल
असली सरकारी कागज पर वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र बनाने का मामला, दो आरोपी पहले ही गिरफ्तार हुए
आरटीओ दफ्तर के सामने की दुकानों से चल रहा था खेल
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News :
गोण्डा।
वाहनों के फर्जी रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र बनवाने के बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसमें आरटीओ (संभागीय परिवहन कार्यालय) के दो बाबुओं की भी संलिप्तता सामने आई है। इस फर्जीवाड़े में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर एक कनिष्ठ लिपिक को निलंबित कर दिया गया है, जबकि एक वरिष्ठ लिपिक के निलंबन की संस्तुति उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। जहा पुलिस एक तरफ केस दर्ज कर जांच कर रही है तो वहीं पर दूसरी तरफ विभाग ने भी जांच कर दिया है, इस मामले में अभी और भी लोगों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।
आरटीओ दफ्तर तक पहुच गई जांच की आंच
मंगलवार को कोतवाली नगर थाना, एसओजी, और सर्विलांस की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें आशुतोष तिवारी उर्फ गायत्री और मसीउल्लाह उर्फ गुड्डू शामिल थे। इनकी गिरफ्तारी के बाद कई सनसनीखेज जानकारियां सामने आईं। पुलिस ने आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी कर आधा दर्जन फर्जी रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र, 37 नकली मोहरें, और 170 खाली प्रमाण पत्रों के कागज बरामद किए।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी फर्जी रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र बनाने के लिए आरटीओ कार्यालय से सरकारी कागज हासिल करते थे। इसके बाद वे इन पर नकली मोहरें लगाकर रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र तैयार करते और ग्राहकों से मोटी रकम वसूलते।
आरटीओ दफ्तर के बाबुओं की मिलीभगत उजागर
पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में आरोपियों ने आरटीओ दफ्तर के कर्मचारियों की संलिप्तता का खुलासा किया। विभागीय जांच में कनिष्ठ लिपिक रमेश शुक्ला और वरिष्ठ लिपिक विद्याभूषण गुप्ता की भूमिका संदिग्ध पाई गई।
आरटीओ प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए रमेश शुक्ला को निलंबित कर दिया, जबकि विद्याभूषण गुप्ता के निलंबन के लिए उच्चाधिकारियों को संस्तुति भेजी गई है।
फर्जीवाड़े की दुकानों पर पुलिस ने की थी छापेमारी
पुलिस ने आरटीओ कार्यालय के सामने स्थित कुछ फोटो स्टेट और ऑनलाइन सुविधा केंद्रों पर छापेमारी की। यहां से कई नकली दस्तावेज और फर्जी रजिस्ट्रेशन कागजात बरामद हुए। एक आरोपी आशुतोष तिवारी, जो इन दुकानों से जुड़े थे, को मौके पर ही गिरफ्तार किया गया।
आरटीओ दफ्तर में मचा हुआ है हड़कंप
इस कार्रवाई के बाद आरटीओ कार्यालय में चर्चाओं का माहौल गर्म हो गया है। कर्मचारी दबी जुबान में एक-दूसरे से चर्चा करते नजर आए, लेकिन खुलकर कोई कुछ भी कहने से बच रहा है। पुलिस और आरटीओ विभाग की संयुक्त जांच से अब इस घोटाले में और भी कर्मचारियों के शामिल होने की संभावना है। विभाग ने सख्त कदम उठाने का संकेत दिया है।
आरटीओ उमाशंकर यादव ने कहा, “फर्जी रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र बनाने के मामले में प्रथम दृष्टया कनिष्ठ लिपिक रमेश शुक्ला और वरिष्ठ लिपिक विद्याभूषण गुप्ता की संलिप्तता पाई गई है। रमेश शुक्ला को निलंबित कर दिया गया है, और वरिष्ठ लिपिक के निलंबन की संस्तुति की गई है। मामले की जांच जारी है। जल्द ही और दोषियों को चिन्हित किया जाएगा।”



