जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कार्यशाला में हुआ व्यापक मंथन, सभी विभागों को एक्शन प्लान बनाने के निर्देश
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News :

गोण्डा। उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी के तत्वावधान में सोमवार को जनपद गोण्डा में एचआईवी-एड्स पर जनपद स्तरीय मेन स्ट्रीमिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने की, जिसमें जनपद के समस्त संबंधित विभागों के अधिकारी एवं समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
कार्यशाला का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में एचआईवी-एड्स संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण को लेकर जनपद स्तरीय समन्वय स्थापित करना था। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO), भारत सरकार द्वारा प्रदेश को एचआईवी खतरे की लाल सूची में शामिल किए जाने के मद्देनजर इस अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने पर जोर दिया गया। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सभी विभागों को एक्शन प्लान तैयार कर उस पर गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर तीन माह में इस अभियान की समीक्षा स्वयं करेंगी, जिससे इसकी प्रभावशीलता सुनिश्चित की जा सके।
कार्यशाला में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जयगोविन्द ने एचआईवी/एड्स के तकनीकी बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रश्मि वर्मा ने कार्यशाला के महत्व को रेखांकित करते हुए सभी विभागों से सक्रिय सहभागिता की अपील की। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सी.के. वर्मा ने एड्स से पीड़ित लोगों के प्रति भेदभाव को समाप्त करने और जागरूकता फैलाने पर बल दिया। इस अवसर पर राज्य स्तर पर नामित YRG-CARE की तकनीकी विशेषज्ञ शीबा रहमान ने कार्यशाला में शामिल 18 विभागों के दायित्वों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने एक्शन प्लान के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए इसके प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया। साथ ही, मंडल स्तर पर कार्यरत दिशा यूनिट की भूमिका पर भी जानकारी दी।
इस कार्यशाला में दिशा यूनिट के सीपीएम विजय कान्त शुक्ल, सीएसओ आयुष सरन एवं डीएमडीओ प्रशान्त श्रीवास्तव ने एचआईवी/एड्स अधिनियम की जानकारी दी। उन्होंने समाज में एचआईवी संक्रमित लोगों के प्रति भेदभाव को रोकने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए सामाजिक संगठन, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को मिलकर कार्य करने की जरूरत है। कार्यशाला में किन्नर समुदाय के प्रमुख गुरु एवं उनके सहयोगी भी शामिल हुए। उन्होंने जिलाधिकारी के समक्ष एड्स जागरूकता से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी। किन्नर समाज ने सोशल मीडिया के माध्यम से एचआईवी/एड्स जागरूकता फैलाने की अपील की और उभयलिंगी पहचान कार्ड पर भी चर्चा की। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव एवं एचआईवी जांच के लिए प्रेरित करेंगे।
कार्यशाला में एचआईवी संक्रमित व्यक्ति रमेश ने ART सेंटर से मिलने वाली दवाओं से हुए लाभ को साझा किया। उन्होंने बताया कि सही उपचार और नियमित दवाओं से एचआईवी संक्रमित लोग भी स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
कार्यशाला के अंत में जिलाधिकारी ने सभी प्रतिभागियों को 100 दिवसीय टीबी मुक्त अभियान के तहत टीबी उन्मूलन की शपथ दिलाई। उन्होंने सभी विभागों से एचआईवी के साथ-साथ टीबी और हेपेटाइटिस की रोकथाम के लिए भी सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
इस कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ अन्य विभागों के प्रतिनिधि, टीआई काउंसलर अभिनव श्रीवास्तव, सीएससी 2.0 सशक्तिकरण परियोजना के पीएम नृपेंद्र, एवं अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

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