श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कालेज मे भारत की विदेश नीति’ पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News
गोण्डा। श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज, गोण्डा के मुख्य परिसर स्थित ललिता शास्त्री सभागार में ‘वैश्विक परिदृश्य में शक्ति का अभ्युदित केन्द्र: भारत की विदेश नीति’ विषय पर एक भव्य राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में देशभर के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों, रक्षा विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया और भारत की विदेश नीति की वर्तमान और भविष्य की भूमिका पर गहन विमर्श किया।
संगोष्ठी में प्रो. अशोक कुमार सिंह, पूर्व प्रतिकुलपति, सिहानिया विश्वविद्यालय, राजस्थान ने कहा कि किसी राष्ट्र की रक्षानीति उसके विदेश नीति के दृष्टिकोण से ही संचालित होती है। विदेश नीति की मजबूती ही राष्ट्र की वैश्विक स्थिति को सुदृढ़ बनाती है। उन्होंने क्वाड संगठन को एशिया का नाटो बताते हुए इसके शक्ति प्रभाव की चर्चा की। विंग कमांडर मयस्कर देव सिंह ने कहा कि राष्ट्र प्रथम की भावना से ही हम एक सशक्त और समृद्ध भारत की कल्पना कर सकते हैं। उन्होंने संघर्ष और समर्पण की महत्ता पर जोर देते हुए बताया कि हमारे पास सभी संसाधन उपलब्ध हैं, बस जरूरत है संयोजित होकर राष्ट्र के लिए एकाग्र चिंतन करने की।
प्रो. अभय कुमार श्रीवास्तव, प्राचार्य, बुद्ध विद्यापीठ पी.जी. कॉलेज, सिद्धार्थनगर ने कहा कि भारत की बदलती और प्रबल विदेश नीति का ही परिणाम है कि आज विश्व के कई राष्ट्र महत्वपूर्ण निर्णयों में भारत की ओर देख रहे हैं।
डॉ. ओंकार पाठक, पूर्व विभागाध्यक्ष, रक्षा अध्ययन विभाग ने कहा कि सरकार की अच्छी नीतियों का समर्थन किया जाना चाहिए क्योंकि सकारात्मक पहलू ही राष्ट्र को आगे बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होते हैं। रक्षा विशेषज्ञ डॉ. राम सूरत पांडेय ने भारतीय विदेश नीति के ऐतिहासिक पहलुओं से लेकर वर्तमान स्थिति तक गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया। उन्होंने राष्ट्र की शक्ति प्रधानता को विदेश नीति के प्रभावी संचालन के लिए आवश्यक बताया। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर, साकेत पीजी. कॉलेज, अयोध्या, हरियाणा, छत्तीसगढ़ सहित विभिन्न राज्यों से आए शोधार्थियों ने अपने शोध-पत्रों का वाचन किया। संगोष्ठी में लगभग 190 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. रविंद्र कुमार ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्र को सुदृढ़ करने के लिए योग्य प्रतिभाओं को राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभानी चाहिए। संगोष्ठी के संयोजक प्रो. आरबीएस. बघेल ने कार्यक्रम की संक्षिप्त आख्या प्रस्तुत की। आयोजन सचिव डॉ. धर्मेंद्र कुमार शुक्ल और डॉ. अमित कुमार शुक्ल ने कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजित किया। कार्यक्रम में डॉ. अनुपमा श्रीवास्तव, सुजीत सिंह, अनुपमा सिंह, सतीश दूबे, प्रो. जितेंद्र सिंह (समन्वयक नैक), प्रो. आर.एस. सिंह (समन्वयक आई.क्यू.ए.सी.), प्रो. बिनोद प्रताप सिंह, प्रो. जयशंकर तिवारी, प्रो. शिवशरण शुक्ल, प्रो. शैलेन्द्र नाथ मिश्र, डॉ. पुष्यमित्र मिश्र, डॉ. बैजनाथ पाल, डॉ. ओम प्रकाश यादव, डॉ. वंदना भारतीय, डॉ. मनोज कुमार मित्र, डॉ. मनीषा पाल, श्री शरद कुमार पाठक और रोहित सिंह आदि उपस्थित रहे।



