विशेष श्रृंखला: देवीपाटन मंडल में ज़मीन घोटालों की परतें
फर्जी दस्तावेज़ों का जाल – मंडल में कैसे बुना गया जमीन घोटाले का नेटवर्क
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता, गोंडा

Gonda News

देवीपाटन मंडल के चारों जिलों – गोंडा, बहराइच, बलरामपुर और श्रावस्ती – में जमीन घोटालों का एक ऐसा मकड़जाल फैला हुआ है, जिसमें कूटरचित दस्तावेजों के दम पर लोगों की जमीनें बेची और खरीदी जा रही हैं। इस फर्जीवाड़े का दायरा इतना बड़ा है कि पिछले दो वर्षों में पुलिस थानों में जमीन घोटालों से जुड़े 150 से अधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।

कागज़ी हथकंडों से जमीन कब्जाने का खेल
भूमाफियाओं ने ऐसा नेटवर्क बना रखा है, जिसमें सरकारी रजिस्ट्रियों की प्रक्रिया को धता बताकर फर्जी खतौनी, पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज तैयार करवा लिए जाते हैं। फिर असली मालिक को अंधेरे में रखकर जमीन का बैनामा करवा दिया जाता है। कई बार पीड़ितों को तब पता चलता है जब जमीन पर कोई नया मालिक दावा ठोक देता है।

IG का खुलासा: चारों जिलों में सक्रिय है यह गिरोह
पुलिस महानिरीक्षक अमित पाठक के मुताबिक, मंडल के सभी जिलों में ऐसे गिरोह सक्रिय हैं जो वर्षों पुरानी ज़मीनों की तलाश कर दस्तावेजों में हेरफेर कर कब्जा कर रहे हैं। “कई मामलों में एक ही जमीन को दो या तीन लोगों को अलग-अलग बेच दिया गया है,” उन्होंने कहा।

2023 में गोंडा बना घोटाले का केंद्र
वर्ष 2023 में तत्कालीन डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने गोंडा जिले में चल रहे फर्जी बैनामों पर संज्ञान लेते हुए नगर कोतवाली में एक के बाद एक 86 मुकदमे दर्ज कराए। यह पहली बार था जब इतने बड़े स्तर पर इस नेटवर्क की परतें खुलीं। हालांकि उनके तबादले के बाद कई मामले ठंडे बस्ते में चले गए।

रिकवरी में सुस्ती, घोटालेबाजों को राहत
हालांकि पुलिस ने कई आरोपितों को गिरफ्तार किया, लेकिन अब तक लोगों से ठगी गई धनराशि की कोई प्रभावी रिकवरी नहीं हो सकी है। इसी का फायदा उठाकर अधिकतर आरोपी अदालत से जमानत पा लेते हैं और जांच कमजोर हो जाती है।

आईजी का आदेश: पुराने मामलों की दोबारा जांच होगी
अब पुलिस महानिरीक्षक ने सभी जिलों के एसपी और थानाध्यक्षों को निर्देश दिया है कि 2023 से अब तक दर्ज जमीन घोटालों की फाइलें दोबारा खोली जाएं और फर्जी दस्तावेजों की जांच कर आरोपियों की संपत्तियों की जब्ती की कार्रवाई शुरू की जाए। साथ ही उन्होंने पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए “जीरो टॉलरेंस” नीति के तहत हर कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है।

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