राजस्व व्यवस्था में सुधार को लेकर डीएम सख्त: 15 दिन में वरासत के निस्तारण का अल्टीमेटम
केवल ऑनलाइन वाद, भू-अभिलेखों के डिजिटलीकरण और चकबंदी में तकनीकी पारदर्शिता पर विशेष जोर
अविवादित वरासत के मामलों का 15 दिन में अनिवार्य निस्तारण
सभी राजस्व वाद केवल ऑनलाइन पंजीकृत हों
किसान दुर्घटना योजना के सभी लंबित प्रकरण 10 कार्य दिवस में निपटाएं
चकबंदी प्रक्रिया में तकनीकी पारदर्शिता लाना अनिवार्य
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News :
गोंडा, 13 मई 2025:
जिले की राजस्व व्यवस्था को पारदर्शी, सुलभ और जवाबदेह बनाने के लिए जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने राजस्व अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी लंबित प्रकरणों का निस्तारण मिशन मोड में किया जाए। उन्होंने कहा कि अब कार्य संस्कृति में लापरवाही और टालमटोल की कोई जगह नहीं रहेगी।
अविवादित वरासत के मामलों का निस्तारण अनिवार्य रूप से 15 कार्य दिवसों में किया जाए, वहीं चकबंदी, पैमाइश, बंटवारा व कृषि उपयोग से जुड़े प्रकरणों में भी शीघ्र निपटान सुनिश्चित हो। जिलाधिकारी ने सभी राजस्व वादों को केवल ऑनलाइन दर्ज करने और समयबद्ध व पारदर्शी निस्तारण की अनिवार्यता पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री किसान दुर्घटना योजना के अंतर्गत लंबित प्रकरणों को लेकर भी जिलाधिकारी ने सख्त रुख अपनाते हुए 10 कार्य दिवसों में निस्तारण के निर्देश दिए। साथ ही, भविष्य में मृत्यु संबंधी मामलों को निर्धारित समयसीमा में अनिवार्य रूप से निपटाने की बात कही।
भू-अभिलेखों के डिजिटलीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात करते हुए डीएम ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में रियल टाइम खतौनी, आधार सीडिंग, किसान रजिस्ट्री और खसरा-पड़ताल जैसे कार्यों को समय रहते पूरा किया जाए।
चकबंदी प्रक्रिया में तकनीकी हस्तक्षेप के जरिये गति और पारदर्शिता लाने के निर्देश देते हुए डीएम ने कहा कि किसी भी स्तर पर गड़बड़ी सामने आने पर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, लैण्ड रिकॉर्ड्स से संबंधित शिकायतों को भी गंभीरता से लेते हुए उत्तरदायित्व तय करने की चेतावनी दी गई।
जिलाधिकारी ने कहा कि यह अभियान शासन की उस मंशा का हिस्सा है, जिसके तहत प्रशासनिक कार्य प्रणाली को जनकेन्द्रित, पारदर्शी और उत्तरदायी बनाया जा रहा है। तय समयसीमा में कार्य न होने की स्थिति में संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई तय मानी जाएगी।



