*जिलाधिकारी नेहा शर्मा के नेतृत्व में जनपद को मिली बड़ी सफलता*
*जनपद गोंडा ई-गवर्नेंस में अग्रणी, प्रदेश में बनाई शीर्ष दस में जगह*
*मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय ई-फाइलिंग में प्रदेश के टॉप टेन जिलों में शामिल*
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News

गोंडा, 1 जुलाई 2025:
उत्तर प्रदेश सरकार के ई-गवर्नेंस प्रयासों को मजबूती प्रदान करते हुए जनपद गोंडा ने डिजिटल प्रशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा के कुशल मार्गदर्शन एवं मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती अंकिता जैन के नेतृत्व में कार्य कर रहे सीडीओ कार्यालय ने ई-फाइलिंग प्रणाली में उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए प्रदेश के शीर्ष दस जनपदों में स्थान प्राप्त किया है। यह सफलता मुख्य विकास अधिकारी एवं अन्य जनपद स्तरीय कार्यालयों की श्रेणी में हासिल हुई है।

जनपद गोंडा की यह उपलब्धि न केवल शासन स्तर पर डिजिटलीकरण की दिशा में मील का पत्थर है, अपितु पारदर्शी एवं जवाबदेह प्रशासनिक व्यवस्था की स्थापना की ओर एक ठोस कदम भी है। यह पहल आम नागरिकों को तेज, दक्ष और भ्रष्टाचारमुक्त सेवाएं सुनिश्चित कराने में निर्णायक सिद्ध होगी।

मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन ने बताया कि ई-ऑफिस प्रणाली को प्रभावी रूप से लागू करने हेतु उनके अधीनस्थ 74 कार्यालयों में ई-फाइलिंग की व्यवस्था पूर्णतः क्रियाशील हो चुकी है। इसके अंतर्गत 621 यूजर्स को प्रशिक्षण देकर डिजिटल कार्यप्रणाली से जोड़ा गया है। साथ ही जनपद के समस्त 16 विकास खंडों में भी यह प्रणाली प्रारंभ कर दी गई है।

उल्लेखनीय है कि जिला विकास अधिकारी कार्यालय, एक्सईएन आरईडी कार्यालय एवं परियोजना निदेशक कार्यालय जैसे महत्वपूर्ण इकाइयाँ इस पहल में अग्रणी रही हैं।

जिला विकास अधिकारी सुशील श्रीवास्तव ने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन में एक 11 सदस्यीय तकनीकी समिति का गठन किया गया है, जिसमें विभिन्न विभागों के ई-फाइलिंग में दक्ष अधिकारियों एवं कर्मचारियों को शामिल किया गया है। यह समिति अन्य कार्यालयों को तकनीकी सहयोग प्रदान कर रही है ताकि सभी इकाइयाँ डिजिटल रूपांतरण प्रक्रिया में सशक्त बन सकें।

ई-ऑफिस प्रणाली के प्रमुख लाभ:
• डिजिटलीकरण: सभी पत्राचार और फाइल संचालन अब डिजिटल रूप से संपन्न किया जा रहा है, जिससे कार्यप्रणाली में गति एवं पारदर्शिता सुनिश्चित हो रही है।
• कागजरहित कार्यालय: पर्यावरण-संवेदनशील पहल के अंतर्गत कागज के उपयोग में कमी लाई जा रही है।
• प्रभावी निर्णय प्रणाली: फाइलों के डिजिटल हस्तांतरण से निर्णय लेने की प्रक्रिया तीव्र हुई है।
• सुरक्षा एवं भंडारण में सुविधा: डिजिटल फाइलें सुरक्षित रूप से संग्रहीत की जा रही हैं, जिससे दीर्घकालिक अभिलेखन संभव हो सका है।
• व्यवसायिक लागत में कमी: कागज, प्रिंटिंग एवं भौतिक स्थानांतरण की लागत में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है।
*टॉप टेन में इन जिलों ने पाया है स्थान*
अम्बेडकरनगर, बाराबंकी, रामपुर, हरदोई, एटा, वाराणसी, कासगंज, श्रावस्ती, कन्नौज, गोण्डा।

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