स्कूल मर्जर आदेश के विरोध में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने सौंपा ज्ञापन, विधायक प्रभात वर्मा से की हस्तक्षेप की मांग
स्कूल मर्जर से बालिकाओं की शिक्षा और रसोइयों की आजीविका पर खतरा : महासंघ
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News
गोंडा, 12 जुलाई।
जिले में कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को एकीकृत (स्कूल मर्जर) करने के शासनादेश के खिलाफ आज राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ गोंडा ने मोर्चा खोलते हुए विधायक प्रभात वर्मा को एक ज्ञापन सौंपा। महासंघ के जिला संगठन मंत्री हंसराज वर्मा के नेतृत्व में शिक्षक प्रतिनिधियों ने लोकप्रिय विधायक व पूर्व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री प्रभात वर्मा से मिलकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपते हुए स्कूल मर्जर आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग की।
ज्ञापन में महासंघ ने स्पष्ट किया कि विद्यालयों का मर्जर ना केवल शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE-2009) का उल्लंघन है, बल्कि “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” अभियान पर भी सीधा कुठाराघात है। अधिनियम के अनुसार कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों के लिए विद्यालय अधिकतम 1 किलोमीटर की परिधि में होना अनिवार्य है। यदि विद्यालयों का मर्जर किया जाता है तो छोटे बच्चों को दूरस्थ विद्यालयों तक पहुंचने में कठिनाई होगी, जिससे उनकी उपस्थिति और नामांकन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
महासंघ ने इस निर्णय को बालिकाओं की शिक्षा पर प्रतिकूल असर डालने वाला करार देते हुए कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में बेटियां शिक्षा से वंचित हो जाएंगी, जो उनके मौलिक अधिकार का हनन होगा। साथ ही, प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत रसोइयों की रोज़गार सुरक्षा भी संकट में पड़ जाएगी क्योंकि स्कूलों के विलय के बाद उनकी सेवाओं की आवश्यकता सीमित हो सकती है।
इस मौके पर विधायक प्रभात वर्मा ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि वे शिक्षकों की भावनाओं और इस महत्वपूर्ण विषय को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाकर शीघ्र समाधान का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों की शिक्षा और बालिकाओं की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
इस अवसर पर जिला उपाध्यक्ष संतोष तिवारी, ब्लॉक अध्यक्ष छपिया जगन्नाथ त्रिपाठी, ब्लॉक मंत्री अवधेश मिश्र, वरिष्ठ उपाध्यक्ष दुर्गेश वर्मा, कोषाध्यक्ष अंकुर वर्मा, उपाध्यक्ष विकास वर्मा, ब्लॉक संयोजक मनकापुर सुनीत शुक्ला, सह संयोजक अरविंद उपाध्याय समेत कई शिक्षक नेता उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने विद्यालय मर्जर के निर्णय पर पुनर्विचार नहीं किया तो जनपद स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक व्यापक आंदोलन किया जाएगा



