जिलाधिकारी नेहा शर्मा का पारदर्शिता की दिशा में बड़ा निर्णय, मॉडल वेंडिंग जोन के पात्र आवेदकों की होगी दोबारा जांच*
*राजस्व समेत अन्य विभागों की टीम दोबारा करेंगी पात्र पाए गए आवेदनों का सत्यापन*
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

 

Gonda News

गोंडा। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने नगर पालिका परिषद गोण्डा के तीन मॉडल वेंडिंग जोन में दुकानों के आवंटन को पूरी तरह पारदर्शी और न्यायसंगत बनाने के लिए मंगलवार को एक अहम निर्णय लिया है। उनके निर्देश पर नगर पालिका परिषद गोंडा द्वारा पात्र घोषित किए गए करीब 581 आवेदकों की सूची का दोबारा सत्यापन कराया जाएगा। यह जांच राजस्व विभाग सहित विभिन्न विभागों की संयुक्त टीम द्वारा की जाएगी, जिससे किसी भी अपात्र को दुकान का आवंटन न हो सके।

नगर पालिका परिषद द्वारा प्राप्त 1600 से अधिक आवेदनों की प्रारंभिक जांच के बाद 581 व्यक्तियों को पात्र पाया गया था। पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाते हुए यह सूची नगर पालिका कार्यालय में चस्पा की जा चुकी है और इस पर आपत्तियां दर्ज कराने हेतु 25 जुलाई 2025 तक का समय निर्धारित किया गया है। लेकिन जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सिर्फ आपत्तियों के साथ ही पात्र सूची का भी सत्यापन करा जाएगा।

*पारदर्शिता व नियमानुसार आवंटन को लेकर सतर्क जिला प्रशासन*

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने स्पष्ट किया है कि दुकान आवंटन की प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष होनी चाहिए, और इसके लिए हर स्तर पर जांच और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी। उनका यह निर्णय, उन सैकड़ों असंगठित क्षेत्र के दुकानदारों के हित में है, जिन्हें लंबे समय से व्यवस्थित और स्थायी स्थान की प्रतीक्षा थी।

*105 दुकानें, 1600 से अधिक आवेदन*

गोंडा नगर पालिका परिषद क्षेत्र में तीन मॉडल वेंडिंग जोन में कुल 105 दुकानों के लिए यह प्रक्रिया संचालित की जा रही है। इनमें, सिंचाई विभाग ऑफिसर्स फील्ड हॉस्टल से बाउंड्री तक 40 दुकानें, गांधी पार्क मेन गेट से एलबीएस चौराहा तक 34 दुकानें और नेकी की दीवार से जीआईसी गेट, बहराइच रोड तक 31 दुकानें हैं। प्रत्येक दुकान के लिए ₹15,000 प्रीमियम निर्धारित किया गया है। पहले चरण में इन्हीं तीन वेंडिंग जोन को मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है।

*आगे आएंगे 23 और वेंडिंग जोन*

नगर पालिका परिषद द्वारा पूर्व में ही कुल 23 वेंडिंग जोन चिन्हित किए गए हैं, जिन्हें अगले चरणों में इसी मॉडल पर विकसित किया जाएगा। इससे न केवल शहर में अस्थायी दुकानदारों को सुविधा मिलेगी, बल्कि यातायात व्यवस्था में सुधार और स्ट्रीट फूड व छोटे व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।

*स्थायी व्यवस्था की दिशा में ठोस कदम*

जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया है कि इन वेंडिंग जोन का संचालन वेंडर मैनेजमेंट कमेटी और नगर पालिका परिषद की निगरानी में ही होगा, जिससे दीर्घकालिक और स्थायी व्यवस्था स्थापित हो सके। यह कदम गोंडा के शहरी विकास की दिशा में एक बड़ा परिवर्तनकारी प्रयास माना जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *