शिक्षकों की लंबित समस्याओं को लेकर बीएसए को सौंपा गया ज्ञापन, समयबद्ध समाधान की मांग
भीषण गर्मी में विद्यालय समय परिवर्तन से लेकर एमडीएम भुगतान और एरियर लंबित रहने पर जताई नाराज़गी
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News
गोण्डा। जिले के परिषदीय शिक्षकों ने जनपद की शैक्षिक व्यवस्था को प्रभावित कर रही विभिन्न गंभीर समस्याओं को लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में शिक्षकों व विद्यार्थियों से जुड़ी कई ज्वलंत समस्याओं का उल्लेख करते हुए इनका शीघ्र समाधान सुनिश्चित करने की मांग की गई है।
ज्ञापन में सबसे प्रमुख मुद्दा वर्तमान समय में पड़ रही भीषण गर्मी और उमस को लेकर उठाया गया है। शिक्षकों ने मांग की है कि गर्मी के कारण विद्यालयों में छोटे बच्चों की तबीयत बिगड़ रही है, यहां तक कि कई जगह बच्चे बेहोश हो जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में विद्यालय संचालन का समय सुबह 7:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक किया जाए, जिससे किसी गंभीर स्थिति का सामना न करना पड़े। शिक्षकों ने सिद्धार्थनगर जनपद में जारी आदेश का हवाला भी दिया है।
अन्य प्रमुख मांगों में कई विद्यालयों में सामान्य एवं दिव्यांग शौचालय अब तक निर्मित नहीं हैं। इन विद्यालयों को प्राथमिकता पर संतृप्त किए जाने, चयन वेतनमान ऑनलाइन मॉड्यूल की त्रुटियों को दूर कराए जाने, जब तक संशोधन नहीं होता, तब तक ऑनलाइन वेतनमान स्वीकृति पर रोक लगाने की मांग की गई है। शिक्षक नेताओं ने बताया कि कई महीनों से विद्यालयों को मध्यान्ह भोजन कन्वर्जन लागत प्राप्त नहीं हुई है, जिससे भोजन योजना प्रभावित हो रही है। तत्काल भुगतान सुनिश्चित कराए जाने, शासन द्वारा सभी प्राथमिक विद्यालयों में बेंच आपूर्ति करते हुए शीघ्र फर्नीचर उपलब्ध कराने की मांग की गई है। शिक्षक नेता पवन सिंह ने कहा कि प्रदेश में सबसे अधिक एरियर भुगतान की लंबित फाइलें गोण्डा जनपद में हैं, जिसकी संख्या लगभग 800 बताई जा रही है। इससे जनपद की छवि धूमिल हो रही है और शिक्षकों में रोष व्याप्त है। उन्होंने वित्त एवं लेखाधिकारी को त्वरित आदेश देने की मांग की है। शासन की महत्वपूर्ण योजना 70 पीएसए के अंतर्गत सैकड़ों कार्य पिछले छह महीने से लेखा कार्यालय में लंबित हैं। आवंटन जारी करने की अपील की गई है। सेवानिवृत्त और मृतक आश्रितों का बकाया दिलाए जाने की मांग की गई सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं मृतक आश्रितों की जीपीएफ, पेंशन, जीआईएस से जुड़ी पत्रावलियां महीनों से लेखा कार्यालय में लंबित पड़ी है।
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