श्रावण झूला स्वर्ण शताब्दी महोत्सव में गूंजे राग-रागिनियों के सुर, भक्ति व संगीत से सराबोर हुआ गोंडा

प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News

गोंडा। 
श्रावण झूला स्वर्ण शताब्दी महोत्सव के तीसरे दिन मारुति सदन में संगीत और भक्ति का अनूठा संगम देखने को मिला। देश के प्रतिष्ठित घरानों से पधारे महान कलाकारों ने जब राग मल्हार, दादरा, ठुमरी, कंहरवा के सुर छेड़े और ग़ज़लों की मधुर बयार बहाई, तो श्रोता भाव-विभोर हो उठे।

सारंगी, हारमोनियम, तबला और मंजीरे के संग ‘रागों की ऋतु’ श्रावण में भक्ति रस की धारा बह निकली। आयोजन की विशेषता यह रही कि मंच पर संगीत गुरु तुलसीदास झूला उत्सव गीत लेकर आए, वहीं अपर आयुक्त कर विभाग श्याम सुंदर तिवारी व देवेन्द्र कुमार ने भक्तिपूर्ण भजनों से समां बांधा।

प्रसिद्ध भजन गायक पंकज निगम, डॉ. भानु प्रकाश श्रीवास्तव, के.सी. सिंह (ग़ज़ल), डॉ. प्रतीति पाण्डेय (ख्याल गायन) ने श्रोताओं को सुरमयी शाम का सौगात दिया। बैंजो पर असीम अनुराग और तबले पर लखनऊ से आए वैज्ञानिक अमोघ अनंत सहस्र बुद्धे, तबला वादक अरुणेश पाण्डेय, अध्यात्म पाण्डेय के सोलो तबला वादन ने श्रोताओं को संगीत की दुनिया में रमने को विवश कर दिया।

सारंगी वादन में पंडित राकेश मिश्र की प्रस्तुति श्रोताओं के लिए अविस्मरणीय बन गई। कार्यक्रम का संचालन पंकज शांडिल्य ने प्रभावशाली ढंग से किया।

कलाकारों का सम्मान व आयोजन की जानकारी
आयोजक यज्ञ देव पाठक नीरज गोनर्दनीय ने मंच पर आमंत्रित सभी विशिष्ट कलाकारों को अंगवस्त्र और प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

महोत्सव आयोजन से जुड़ी प्रज्ञा पाठक व मनीषा पाठक ने बताया कि रविवार को इस भव्य समारोह का समापन होगा, जिसमें देश के कई प्रसिद्ध घरानों के कलाकार अपनी अंतिम प्रस्तुतियां देंगे।

इस संगीतमयी संध्या में तिलकराम, प्रमोद नंदन, अरुण प्रकाश शुक्ल, राम जी, सचिन, चंद्रेश्वर पाठक, कमलेश्वर पाठक, ज्ञानेश्वर पाठक, सर्वेश्वर पाठक, मृगांक पाठक, अद्भुत भारद्वाज, निलय मिश्र समेत सैकड़ों संगीतप्रेमी श्रोताओं की उपस्थिति ने आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।

श्रावण के पावन पर्व पर ऐसा भक्ति और संगीत का संगम गोंडा में वर्षों तक याद किया जाएगा।

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