बगैर गन्ना सप्लाई के ही भुगतान का बना रहे दबाव, केस दर्ज
बजाज चीनी मिल प्रशासन का आरोप कूट रचित कागज़ों से मांग रहे गन्ने का पैसा
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News

गोंडा। बजाज हिन्दुस्थान शुगर लिमिटेड यूनिट कुन्दुरखी चीनी मिल प्रशासन द्वारा दर्जनों लोगों पर बगैर गन्ना सप्लाई किए ही 18 लाख रुपये का अवैध रूप से भुगतान लेने का मामला सामने आया है। इस मामले में चीनी मिल के सुरक्षा प्रबंधक कमलेशमणि तिवारी ने थाना मोतीगंज में तहरीर दी देकर मुकदमा दर्ज कराया है। जिसकी जांच पड़ताल पुलिस ने शुरू कर दिया है। चीनी प्रशासन द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया गया है कि पेराई सत्र 2012-13 के दौरान कांटा बाबू सकलराज सिंह और उनके परिजनों सहित 14 व्यक्तियों ने साजिशन चीनी मिल प्रबंधन को गुमराह किया गया। मिल प्रशासन ने यह भी बताया आरोपित फर्जी अभिलेख तैयार कर, कूट रचना और छल-कपट कर मिल अधिकारियों को धमकाते हुए तथा जान-माल की धमकी देते हुए बेजा भुगतान करने का दबाव बना रहे हैं। शिकायत में यह भी कहा गया कि उपरोक्त व्यक्तियों द्वारा किसी भी प्रकार की गन्ना सप्लाई नहीं किया गया है। बावजूद इसके कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर गन्ना मूल्य का भुगतान करने का दबाव बना रहे है। इस बाबत थानाध्यक्ष मोतीगंज इंस्पेक्टर अरविंद यादव ने बताया कि मामला पंजीकृत कर विवेचना प्रारम्भ कर दी है। मामले में सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए न्यायोचित कार्यवाही की जाएगी। वहीं बजाज चीनी मिल के इकाई प्रमुख ने बताया कि कांटा बाबू सकलराज सिंह द्वारा अपने परिजनों के साथ मिलकर कूटरचना कर फर्जी पर्ची बनाई जाती थी, किन्तु गन्ने की सप्लाई नहीं की जाती थी। यह भी बताया कि उपरोक्त लोग भूमिहीन की श्रेणी में आते हैं। ऐसे में इतने गन्ने की सप्लाई किसी भी प्रकार से नहीं की जा सकती है। उन लोगों द्वारा कूट रचित व फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बिना गन्ना सप्लाई किए ही भुगतान का दबाव बनाया जा रहा है। इस मामले के सामने आने के बाद क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। गन्ना किसानों का कहना है कि यदि आरोप सही साबित होते है, तो यह मिल प्रबंधन के साथ-साथ गन्ना किसानों के हितों के साथ भी धोखा माना जाएगा।

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