शिक्षकों का वेतन भुगतान ना करने में फंसे वित्त एवं लेखाधिकारी, हाईकोर्ट के अवमानना में फंसे
हाईकोर्ट के दो अवमानना मामलों में तलब, 13 अक्टूबर तक अनुपालन आख्या के साथ पेश होने का आदेश

गोंडा। बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी गिरीश चंद्र यादव पर हाईकोर्ट का शिकंजा कस गया है। न्यायालय ने उन्हें लगातार दो अलग-अलग अवमानना मामलों में तलब करते हुए स्पष्ट निर्देश दिया है कि लंबित वेतन भुगतान हर हाल में किया जाए और इसकी अनुपालन आख्या समय से दाखिल की जाए।

पहला मामला सिविल (CAPL) संख्या 2477/2024 का है, जिसमें घमंडीराम अशासकीय सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालय (प्राइमरी सेक्शन) पक्षकार है। इस प्रकरण में 11 सितंबर 2025 को उच्च न्यायालय ने आदेश पारित कर वित्त एवं लेखाधिकारी को विपक्षी मानते हुए नोटिस जारी किया। पुलिस ने यह नोटिस 19 सितंबर तक तामील करा दिया है। आदेश में कहा गया है कि अधिकारी अदालत में पेश होकर बताएं कि उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई क्यों न की जाए।

दूसरा मामला सिविल (CAPL) संख्या 2449/2024 का है, जो सहायता प्राप्त प्राइमरी विद्यालय दयानन्द वैदिक विद्यालय से जुड़ा है। इस मामले में न्यायालय ने वित्त एवं लेखाधिकारी को 13 अक्टूबर 2025 तक अनुपालन आख्या के साथ पेश होने का आदेश दिया है। अदालत ने साफ किया है कि इससे पहले शिक्षकों एवं कर्मचारियों का लंबित वेतन भुगतान हर हाल में किया जाना चाहिए। यदि आदेश की अनुपालना नहीं होती तो अधिकारी को 26 अक्टूबर 2025 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना पड़ेगा।

लगातार दो विद्यालयों से जुड़े अवमानना मामलों में नोटिस जारी होने और स्पष्ट समयसीमा तय किए जाने से बीएसए कार्यालय में खलबली मच गई है। विभागीय चर्चाओं में माना जा रहा है कि अब अधिकारी को वेतन भुगतान और अनुपालन रिपोर्ट पेश करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है।

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