Lucknow: 25 दिसम्बर उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रिंट मीडिया वर्किंग जनर्लिस्ट एशोसिएशन द्वारा आयोजित पूर्व प्रधानमंत्री ‘राष्ट्रधर्म” के पूर्व सम्पादक “भारत रत्न” स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के 97 जयंती पर “अटल सम्मान समारोह” का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रहे स्वामी प्रसाद मौर्या श्रम मंत्री उत्तरप्रदेश श्री शमीम आलम स्टेट हज मंत्री उत्तराखंड सरकार व अन्य और भी कई दिग्गज चेहरे शामिल रहे।
देश के कोने-कोने से चुनिदा कवि व कवयित्रियों को आमंत्रित किया गया जिसमें गाज़ियाबाद से कवयित्री बबली सिन्हा जो कि मूलतः बिहार के पटना जिला की रहने वाली है उन्हें लखनऊ की धरती पर गौरव सम्मान श्री अटलबिहारी वाजपेयी से अलंकृत किया है यह बिहार और गाजियाबाद के लिए सम्माजनक है। इन्होंने अपनी लेखनी से साहित्य जगत में नई राह तलाशी है इनकी कलम कभी समाज में व्याप्त कुरीतियों पर प्रहार करती है तो कभी राजनीती के गलियारों की बात करती है तो कभी-कभी इनकी रचनाओं में श्रृंगार रस की भीनी-भीनी खुशबू होती है। कई पत्रिकाएं है जिसमें निरन्तर इनकी रचनाएं प्रकाशित होती रहती है जिसमें जिसमें लोकतंत्र की बुनियाद जिससे लगभग पांच वर्षों से अधिक समय से जुड़ी हुई हैं।
अपनी लेखनी की विशिष्टता के कारण देश के कई क्षेत्रों जैसे राजस्थान, कुरुक्षेत्र झारखंड लखनऊ जैसे कई शहरों में सम्मानित हो चुकीं हैं। पिछले कोरोनकाल में सामाजिक कार्यों के लिए उन्हें कोरोनयोद्धा सम्मान भी मिल चुका है बबली सिन्हा जी का कहना है- साहित्य और समाज एक दूसरे के पूरक हैं, और जबतक हम एक कुशल समाजिक व्यक्ति होने का दायित्व नहीं निभा सकते तबतक एक साहित्यकार कहलाने की भावना का कोई औचित्य नहीं है।
Posted by Sneha Kaushal



