लखनऊ। राजधानी में आजादी के अमृत महोत्सव अन्तर्गत भारतीय खाद्य निगम अन्नागार तालकटोरा, लखनऊ परिसर में भारत सरकार के दिशा-निर्देश पर पत्रकारों के साथ एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में भारतीय खाद्य निगम द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान विगत 2 वर्षो में किये गये कार्यो, निगम की कार्यप्रणाली, प्रयोग में लायी जा रही नई तकनीक, खाद्यान्न के रख-रखाव के साथ-साथ कई अन्य बिन्दुओं पर पत्रकारों को जानकारी दी गयी।
कार्यक्रम की शुरूआत में मनोतोष बासु (मण्डल प्रबन्धक, भारतीय खाद्य निगम) द्वारा पत्रकारों का स्वागत किया गया। इस अवसर पर अरूण कुमार (डिपो अधिकारी) द्वारा निगम की कार्य प्रणाली में सुधार सहित प्रयोग में लायी जा रही नई तकनीक के विषय में प्रकाश डाला। उन्होने बताया कि विगत 2 वर्षों के दौरान कोविड-19 महामारी में भारतीय खाद्य निगम के कर्मचारियों द्वारा निगम के उद्वेश्यों की पूर्ति हेतु राष्ट्रहित में लखनऊ जनपद के अन्तर्गत हजारों मीट्रिक टन अनाज को आम जनता तक पहुंचाने का कार्य किया गया। जिसमें भारत सरकार के निर्देशानुसार जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) के अन्तर्गत (एनएफसीए), अंत्योदय के अतिरिक्त प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को सफल बनाने हेतु महामारी से प्रभावित प्रत्येक व्यक्ति को निशुल्क 5 कि.ग्रा. खाद्यान्न उपलब्ध कराने का कार्य किया गया। आगे उन्होने बताया कि डिपो में खाद्यान्न के बोरों की स्टेकिंग और डी-स्टेकिंग करने के लिये स्टेकिंग मशीन का संचालन प्रारम्भ किया जा चुका है। जिससे स्टेकिंग और डी-स्टेकिंग के अन्तर्गत श्रमिकों की कार्यक्षमता में वृद्धि हुयी है। साथ ही समय की भी बचत हो रही है। ऐसा होने से खाद्यान्न रेक का आगमन और डिपो से खाद्यान्न का निर्गमन कार्य कम समय में तेजी से हो पा रहा है। डिपो परिसर में गोदाम की 24 घंटे मॉनीटरिंग हेतु लाइव सीसीटीवी कैमरे लगवाये गये हैं। जिससे निगम की छवि को धूमिल करने वाली घटनाओं में भारी कमी आयी है। इसके अतिरिक्त खाद्यान्न के आवागमन में पारदर्शिता लाने हेतु डिपो ऑनलाइन सिस्टम सॉफ्टवेयर (डीओएस) को भी पूरी तरह लागू कर दिया गया है। जिससे गोदाम की स्थिति के साथ-साथ खाद्यान्न के आवागमन का पूर्ण विवरण को ऑनलाइन देखा जा सकता है। कार्यक्रम में उपस्थित योगिता सोनकर (प्रबंधक गुण-नियंत्रण) एवं ज्योति गुप्ता (प्रबन्धक नियंत्रण) द्वारा फोर्टीफाइड (एफआरके) चावल की गुणवत्ता, विशिष्टता तथा उपयोगिता पर भी प्रकाश डालते हुये अवगत गराया गया कि आइरन, फोलिक ऐसिड एवं विटामिन बी-12 युक्त फोर्टीफाइड चावल एनीमिया और कुपोषण से बचाव के लिये अधिक उपयोगी है। साथ ही साथ खाद्यान्न की अनुरक्षण एवं रखरखाव से भी अवगत कराया गया। कार्यक्रम में विभाग की कार्य प्रणाली एवं आधारभूत संरचना के विषय में क्यूसीआई और डब्लूडीआरए द्वारा जारी रेटिंग और प्रमाण पत्र के बारे में भी चर्चा हुयी। क्यूसीआई द्वारा भारतीय खाद्य निगम अन्नागार तालकटोरा को 5 स्टार रेटिंग दी गयी। गोदाम में खाद्यान्न की प्राप्ति, खाद्यान्न की अनलोडिंग/लोडिंग, श्रमिकों की कार्यप्रणाली, धर्मकांटा पर ट्रक की तौल, रेक के माध्यम से प्राप्त खाद्यान्न की अनलोंडंग के दौरान खाद्यान्न की गुणवत्ता की जांच व रख-रखाव के कार्य तथा साइलो की कार्य-प्रणाली को दिखाया गया। इस कार्यक्रम में मंडल प्रबन्धक मनोतोष बासु, समस्त अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।



