फाइलेरिया मुक्ति अभियान की शुरुआत हुई सरयू प्रसाद कन्या पाठशाला में
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने किया अभियान का शुभारंभ, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रश्मि वर्मा रहे मौजूद
सभी ने लिया फाइलेरिया मुक्ति का संकल्प, दिलाई गई शपथ
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News

सरयू प्रसाद कन्या पाठशाला इंटर कॉलेज में जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने फाइलेरिया मुक्ति अभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रश्मि वर्मा एवं अन्य संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति में दवा वितरण किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाना है और इसके लिए सभी संबंधित विभागों के सहयोग से व्यापक अभियान चलाया जा रहा है।

फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है जो लोगों को अपनी चपेट में ले लेती है। इसके लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई अभियान चलाए जाते हैं। इसी क्रम में, सरयू प्रसाद कन्या पाठशाला में फाइलेरिया मुक्ति अभियान की शुरुआत हुई। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने इस अभियान की शुरुआत की और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रश्मि वर्मा भी मौजूद रहे।

इस अवसर पर दवा वितरण किया गया और लोगों को फाइलेरिया के बारे में जागरूक किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाना है और इसके लिए सभी संबंधित विभागों के सहयोग से व्यापक अभियान चलाया जा रहा है।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कहा कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है जो लोगों को अपनी चपेट में ले लेती है। इसके लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई अभियान चलाए जाते हैं। इसी क्रम में, सरयू प्रसाद कन्या पाठशाला में फाइलेरिया मुक्ति अभियान की शुरुआत हुई। उन्होंने कहा कि इस अभियान के चलते जिले में फाइलेरिया के मामलों में कमी आएगी और लोगों का स्वास्थ्य बेहतर होगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रश्मि वर्मा ने कहा कि  अभियान के चलते जिले में फाइलेरिया के मामलों में कमी आएगी और लोगों का स्वास्थ्य बेहतर होगा।

इस अवसर पर लोगों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक होने इसकी दवा खाने के लिए प्रेरित किया गया। उन्हें बताया गया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है जो लोगों को अपनी चपेट में ले लेती है। इसके लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से कई अभियान चलाए जाते हैं।

 

*डीएम ने फाइलेरियारोधी दवाओं का सेवन कर किया एमडीए अभियान का शुभारंभ*

*सरयू प्रसाद कन्या पाठशाला इंटर कॉलेज से शुरू हुआ अभियान, सीएमओ, एसीएमओ के साथ कॉलेज की अध्यापिकाओं और छात्राओं ने किया दवा का सेवन*

*जिलाधिकारी की अपील, लोग खुद दवा खाएं

डीएम नेहा शर्मा ने जिलेवासियों से 10 अगस्त फाइलेरिया उन्मूलन के लिए आशा कार्यकर्ता के सामने ही दवा का सेवन करने की अपील की।

उन्होंने बताया कि जिला के सभी ब्लॉकों में व्यापक स्तर पर मास ड्रग एडमिनिट्रेशन (एमडीए) अभियान चलाया जायेगा ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ ले सकें।
इस दौरान कॉलेज की छात्राओं को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करने और दूसरों को भी प्रेरित करने की शपथ दिलाई।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रश्मि वर्मा ने कहा कि गोण्डा जिले से ही नहीं, बल्कि देश से भी फाइलेरिया रोग का समूल नाश करने के लिए अभियान के दौरान स्वास्थ्य कर्मी के सामने ही दवा का सेवन करना है।
उन्होंने कहा कि इस सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम में जिले के लाभार्थियों को इस गंभीर बीमारी से बचाने के टीम के माध्यम से बूथ लगा कर एवं घर-घर जाकर इन दवाओं का सेवन कराना सुनिश्चित किया जाएगा। दवाओं का वितरण बिल्कुल भी नहीं किया जायेगा।

फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के नोडल व एसीएमओ डॉ सीके वर्मा ने बताया कि फाइलेरिया बीमारी का कोई इलाज नहीं है। साल में एक बार और लगातार पांच साल तक फाइलेरिया रोधी दवा खाकर ही इस बीमारी से बचा जा सकता है। एमडीए अभियान में डाईइथाइल कार्बामजीन और एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। दवा का सेवन एक वर्ष के बच्चों, गर्भवती, एक माह के बच्चे वाली प्रसूता और गंभीर बीमार को छोड़कर सभी को करना है।
इस अभियान में एक से दो साल तक के बच्चों को पेट के कीड़े निकालने की भी दवा खिलाई जाएगी ।

जिला मलेरिया अधिकार ने बताया कि टीमों द्वारा घर घर दवा खिलाने के साथ ही सभी ब्लॉक एवं जिला स्तरीय सरकारी अस्पतालों में भी बूथ लगा कर दवा सेवन करवाया जायेगा। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। हालांकि इन दवाओं का कोई विपरीत प्रभाव नहीं है, फिर भी किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं, तो यह इस बात का प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद हैं। ऐसे लक्षण इन दवाओं के सेवन के उपरांत शरीर के भीतर मौजूद परजीवियों के मरने के कारण उत्पन्न होते हैं। सामान्यतः ये लक्षण स्वतः समाप्त हो जाते हैं परंतु ऐसी किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए रैपिड रिस्पॉन्स टीम (आरआरटी) भी बनाई गई है। आवश्यकता पड़ने पर आरआरटी को उपचार के लिए तुरंत बुलाया जा सकता है।

इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रश्मि वर्मा, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ जय गोविन्द, डॉक्टर आरपी सिंह डीसीपीएम, फाइलेरिया निरीक्षक सत्य प्रकाश मौर्य, मलेरिया निरीक्षक सुनील चौधरी, भवानी प्रसाद तिवारी सहित डब्ल्यूएचओ, पाथ एवं पीसीआई संस्था के प्रतिनिधि, कॉलेज की प्रधानाचार्या, अध्यापिकाएं एवं भारी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहीं। सभी ने दवाओं का सेवन किया।

 

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