चार साल की नन्ही आद्या ने सुनाई संविधान की प्रस्तावना, डीएम नेहा शर्मा ने की प्रशंसा
चार वर्ष की बच्ची को बोल उठीं डीएम की अद्भुत, कहा कि मां सरस्वती विराजमान हैं
दिया आगे के फोरम तक आद्या की आवाज पहुचाने का आश्वासन
इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज होना है आद्या का नाम
मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन ने भी डीएम संग सुनीं प्रस्तावना, दी शाबाशी
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News :

गोंडा।
मंगलवार मात्र चार साल की एक नन्ही बच्ची आद्या ने डीएम कार्यालय में जिलाधिकारी नेहा शर्मा के सामने पूरे आत्मविश्वास और स्पष्ट उच्चारण के साथ संविधान की प्रस्तावना सुनाई। इस असाधारण उपलब्धि को देखकर डीएम नेहा शर्मा भी प्रभावित हुईं और नन्ही आद्या की प्रशंसा में कहा, “यह बच्ची सचमुच अद्भुत है। ऐसा प्रतीत होता है जैसे मां सरस्वती ने इस पर अपनी कृपा बरसाई हो।”
नन्ही आद्या अपने पिता अरुण मिश्रा के साथ डीएम कार्यालय पहुंची थी। अरुण मिश्रा पेशे से शिक्षक हैं और उन्होंने अपनी बेटी की इस प्रतिभा को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिलाधिकारी के समक्ष आद्या ने जब संविधान की प्रस्तावना सुनानी शुरू की, तो वहां मौजूद सभी लोग चकित रह गए।
डीएम ने दिया विशेष प्रोत्साहन
आद्या के अद्भुत प्रदर्शन से प्रभावित होकर डीएम ने उसे विशेष रूप से प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, “हर बच्चे में विशेष प्रतिभा होती है, आवश्यकता होती है सही मार्गदर्शन और सहयोग की। प्रशासन की ओर से नन्ही आद्या को हर संभव सहायता दी जाएगी, ताकि वह अपनी प्रतिभा को और ऊंचाइयों तक ले जा सके।” डीएम ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह बच्ची आने वाले समय में जिले और प्रदेश का नाम रोशन करेगी।
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज होगा आद्या का नाम
आद्या की विलक्षण स्मरण शक्ति और आत्मविश्वास को देखते हुए यह संभावना जताई जा रही है कि उसका नाम ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में दर्ज किया जा सकता है। डीएम ने इसके लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा, “आद्या जैसे बच्चे समाज के लिए प्रेरणा हैं। इनकी सफलता अन्य बच्चों को भी आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेगी।”
सीडीओ अंकिता जैन ने भी की सराहना
कार्यक्रम के दौरान मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन भी उपस्थित रहीं। उन्होंने भी नन्ही आद्या की इस उपलब्धि की सराहना की और कहा, “यह बच्ची न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे जिले के लिए गौरव का विषय है। ऐसी चीजें समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य करती हैं।”

 

डीएम नेहा शर्मा ने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों की प्रतिभा को पहचानने और निखारने में सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा, “हर बच्चा किसी न किसी विशेष गुण से संपन्न होता है। यदि माता-पिता सही दिशा में बच्चों का मार्गदर्शन करें, तो वे बड़े मंचों पर अपनी पहचान बना सकते हैं।”

छोटी उम्र में भी बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं। चार वर्ष की आयु में संविधान की पूरी प्रस्तावना याद कर लेना और आत्मविश्वास से उसे प्रस्तुत करना एक बड़ी बात है। आद्या का आत्मविश्वास, उसकी स्मरण शक्ति और साहस अन्य बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं। डीएम ने कहा, “यदि सही दिशा में प्रयास किए जाएं, तो ऐसे बच्चे न केवल अपने परिवार बल्कि समाज का भी नाम रोशन कर सकते हैं।”

 

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