प्रदीप मिश्रा ,वरिष्ठ संवाददाता
आउटसोर्सिंग कंपनियों पर निगरानी का डीएम ने दिया आदेश
कर्मचारियों से धोखाधड़ी रोकने के लिए डीएम ने उठाए कदम
विभागीय अफसरों के कंधों पर डाली जिम्मेदारी
गोण्डा, संवाददाता। जिले में अब आउटसोर्सिंग कम्पनियों की मनमानी नहीं चल पाएगी। कर्मचारियों के हित को दरकिनार करने पर ऐसी कम्पनियों के काम करने का अधिकार समाप्त किया जाएगा। आउटसोर्सिंग कंपनियों पर निगरानी के लिए डीएम नेहा शर्मा ने कड़े आदेश दिए हैं। इसके लिए जिले के सभी विभागाध्यक्षों को पत्र लिखकर आदेशित किया है।
डीएम के इस आदेश को सभी सरकारी विभागों व अधीनस्थ संस्थानों में आउटसोर्सिंग कंपनियों से रखे गए कार्मिकों के हित में बड़ुा कदम माना जा रहा है। विभिन्न प्रकार की कटौतियों व आए दिन पीएफ खातों में उनकी काटी जाने वाली धनराशि आदि के नही ंजमा किए जाने की शिकायतें आम होने लगी थी। अभी हाल में ही बाल विकास विभाग में कार्यरत पोषण अभियान के तहत तैनात आउटसोर्सिंग कर्मियों ने उनके वेतन से बेतहासा कटौती के खिलाफ आवाज उठाई थी। कर्मियों ने जाकर डीएम से मुलाकात कर न्याय दिलाए जाने की गुहार लगाई थी। डीएम के हालिया आदेश को उसी से जोडकर देखा जा रहा है। विभागाध्यक्षों को डीएम नेहा शर्मा ने निर्देशित किया है कि वे सभी उनके विभाग में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी से कार्मिकों को उनके पारिश्रमिकों का भुगतान कराना सुनिश्चित करें। पारिश्रमिक समय से दिलाने की जिम्मेदारी विभागाध्यक्षों पर सौंपी है। कार्मिकों के मानदेय से अवैधानिक कटौती के मामलों को भी विभागाध्यक्ष देखेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी प्रकार की ऐसी कटौती नहीं होने पाए। कार्मिकों का उत्पीड़न नही ंहोने पाए इसका जिम्मा भी डीएम ने विभागाध्यक्षों के कंधों पर डाला है। किसी भी प्रकार की अनियमितता के लिए सम्बन्धित विभाग केआहरण वितरण अधिकारी पर शिकंजा कसा जाएगा।



