गोण्डा:आज श्री लालबहादुर शास्त्री डिग्री कालेज गोण्डा-अवध में आयोजित सम्भाषण वर्ग के छठवें दिन, दिवसज्ञान, सप्तमी विभक्ति, तथा कालिदासो जने जने कण्ठे-कण्ठे संस्कृतम्, गीत का अभ्यास संस्कृत भारती के प्रशिक्षक जगदम्बा प्रसाद सिंह ने करवाया। इस अवसर पर बोलते हुए डा.मनीष शर्मा ने कहा कि संस्कृत भाषा गणित की ही तरह पूर्णतः वैज्ञानिक एवं बोधगम्य है।डा.पुनीत कुमार ने कहा कि संस्कृत को देवभाषा से जनभाषा बनाने का प्रयास करना चाहिए। डा.अभय श्रीवास्तव ने कहा कि नयी शिक्षानीति ने संस्कृत विषय की प्रासंगिकता को बढ़ा दिया है। संस्कृत भाषा का अध्ययन करने वाला व्यक्ति कभी अवसादग्रस्त नहीं हो सकता है। डा.रञ्जन शर्मा ने कहा कि इस तरह के आयोजन महाविद्यालय की शैक्षणिक उपलब्धि हैं जिसका लाभ नैक मूल्यांकन के समय महाविद्यालय को अवश्य होगा। स्कोरिंग विषय होने की वजह से संस्कृत विषय लेकर लोग प्रशासनिक सेवाओं में सरलता से चयन प्राप्त कर लेते हैं। संस्कृत भाषा के प्रत्येक शब्द की व्युत्पत्ति निर्धारित होती है।प्राचार्य प्रो. रवीन्द्र कुमार पाण्डेय ने कहा कि ऐसे वर्ग की शीघ्र ही पुनरावृत्ति आवश्यक है। संस्कृत भाषा की दार्शनिकता जीवन को दिशा व ऊर्जा प्रदान करती है। संस्कृत भाषा कार्य कारण के सिद्धान्त पर कार्य करती है।प्रशिक्षु संस्कृत सम्भाषण को व्यवहार में लायें तभी वर्ग की सही मायने में प्रासंगिकता सिद्ध होगी। अभ्यागत अतिथियों का स्वागत विभागीय छात्रों तथा धन्यवाद ज्ञापन वर्ग संयोजक प्रो.मंशाराम वर्मा ने किया। इस अवसर पर श्री रामभुलावन प्रजापति, आचार्य लक्ष्मण मिश्र, प्रमोद पाण्डेय तथा महाविद्यालय के अन्य विभागों के प्राध्यापक-प्राध्यापिकाएं तथा प्रशिक्षु छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।



