
गोण्डा:२१अक्टूबर २०१९। श्री लालबहादुर शास्त्री डिग्री काॅलेज गोण्डा के तुलसी सभागार में संस्कृत विभाग द्वारा संचालित किये जा रहे सप्तदिवसीय संभाषण वर्ग के चौथे दिन के संस्कृत सम्भाषण का शुभारंभ दिवस प्रमुख डॉ० के०एन० पाण्डेय, अध्यक्ष, रक्षाध्ययन विभाग, एवं डॉ० अमन चन्द्रा, अध्यक्ष, मध्यकालीन इतिहास विभाग के द्वारा मॉ सरस्वती चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ। संस्कृत संभाषण के प्रति छात्रों में काफी उत्साह दिखा। छात्र-छात्राएं सामान्य संस्कृत के शब्द आसानी से बोल रहे थे। इतिहास विभाग की प्राध्यापिका डाॅ.अमनचन्द्रा ने कहा संस्कृत भाषा भारतीय संस्कृति की संवाहक है। संस्कृत पढने वाले लोगों में नैतिकता, मानवीय संवेदना, समरसता , सरलता जैसे गुण स्वतः विद्यमान रहते हैं। वर्ग में बच्चों के उत्साह को देख कर बहुत ही अभिभूत हूँ। उन्होंने कहा कि संभाषण वर्ग संस्कृत विषय के अलावा दूसरे विषय के छात्रों के लिये भी बहुत ही उपयोगी है।महाविद्यालय के एन.सी.सी.प्रभारी व रक्षा अध्ययन विभागाध्यक्ष डाॅ.के.एन.पाण्डेय ने कहा कि शान्ति की स्थापना के लिये युद्ध की अनिवार्यता के साथ नीति व अनीति की समुचित व्याख्या के लिये भगवद्गीता से उपयुक्त दूसरा कोई ग्रन्थ नहीं है। विकासवाद, समाजवाद व मानवतावाद की चर्चा भगवद्गीता में पहले ही की जा चुकी है। हिन्दी भाषा को समृद्ध व परिष्कृत बनाने के लिये संस्कृत भाषा का ज्ञान नितान्त आवश्यक है। संस्कृतभारती की सम्भाषण पढाने की यह विधि व पाठ्यक्रम बहुत ही प्रशंसनीय है जिसे देखकर यह विश्वास किया जा सकता है कि संस्कृत भाषा पुनः समृद्धि को प्राप्त कर लेगी।संस्कृत विभागाध्यक्ष डाॅ.मंशाराम वर्मा ने कहा,, पाठयेम् संस्कृतम् जगति सर्वमानवान,, का लक्ष्य लेकर संस्कृत विभाग संस्कृत भाषा के विकास हेतु सदैव तत्पर रहेगा। रॉची विश्वविद्यालय से आये प्रशिक्षक जगदम्बा सिंह ने संकेतों, अभिनय, चित्रों एवं गीत के माध्यम से प्रशिक्षुओं को संस्कृत शब्द और वाक्यविन्यास का ज्ञान कराया। दूसरे प्रशिक्षक रामभुलावन प्रजापति ने दूरभाष पर प्रशिक्षक जगम्बा सिंह से संस्कृत में बात किया, जिसे सुनकर छात्र अत्यन्त रोमांचित हुए। संभाषण वर्ग में दिवस प्रमुखों के अलावा महाविद्यालय के मुख्यनियन्ता डॉ० जितेन्द्र सिंह, डॉ० राम समुझ सिंह, डॉ० शैलेन्द्रनाथ मिश्र, विनोद मिश्र, चन्द्रप्रकाश पाण्डेय एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।



