
स्नेहा कौशल
अयोध्या, 05 अक्टूबर। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय शिक्षक संघ द्वारा विश्वविद्यालय-मुख्यालय पर विभिन्न जनपदों से आए सैकड़ों शिक्षकों के साथ अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों की लंबित मांगों के समर्थन में धरना-प्रदर्शन किया।
गोंडा, बहराइच, सुल्तानपुर, अयोध्या, बाराबंकी, अमेठी और अंबेडकर नगर के विभिन्न अनुदानित महाविद्यालयों से आए शिक्षकों ने आक्टा के नेतृत्व में विशाल धरना-प्रदर्शन कर प्रदेश सरकार तक अपनी लंबित मांगों की पूर्ति हेतु मा. मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार को संबोधित ज्ञापन कुलसचिव, डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय को ज्ञापन सौंपा।
विदित हो कि राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक संघ फुपुक्टा के आह्वान पर उत्तर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय मुख्यालय पर शिक्षक समुदाय अपनी मांगों को मनवाने के लिए इकट्ठा होना था। इसी क्रम में अवध विश्वविद्यालय मुख्यालय पर सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों ने जुट कर शिक्षक एकता का परिचय देते हुए हुंकार भरी।
जिन मुद्दों के लिए धरना प्रदर्शन किया गया उनमें पुरानी पेंशन योजना की बहाली, प्रोफ़ेसर पदनाम एवं ग्रेड दिया जाना, पीएच.डी. के उपरांत वेतन वृद्धि, छूटे हुए मानदेय शिक्षकों का आमेलन, सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष, शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सीय सुविधा, राज्य कर्मचारियों की भांति सामूहिक जीवन बीमा योजना, पुस्तकालय कैडर का वेतन निर्धारण एवं अवशेष का भुगतान, सेवाकाल में मृत्यु होने पर पारिवारिक पेंशन, एकल स्थानांतरण में एनओसी की व्यवस्था समाप्त किया जाना, सीएल को 8 से बढ़ाकर 14 किया जाना, अनुदानित महाविद्यालयों में स्ववित्त पोषित शिक्षकों का स्थायीकरण, परीक्षा पारिश्रमिक की दरों का संशोधन, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी की नियुक्तियों का शुरू करवा करवाना, शिक्षा निदेशालय में व्याप्त भ्रष्टाचार का स्थाई समाधान, विसंगति पूर्ण शैक्षिक कैलेंडर का सुधारा जाना और शिक्षकों की समस्याओं के लिए सक्रिय शिकायत समिति का गठन किया जाना जैसी अनेक मांगे शामिल है। प्रशासनिक भवन के सामने आयोजित धरना प्रदर्शन में
विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों, पूर्व पदाधिकारियों एवं अन्य शिक्षक नेताओं ने सेवा संबंधी विसंगतियों के निवारणार्थ अपने वक्तव्यों को साझा किया।
आक्टा के अध्यक्ष डॉ. विजय प्रताप सिंह और महामंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह के नेतृत्व में यह धरना-प्रदर्शन पूर्णतः कामयाब रहा। वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार, कनिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. अमृता मिश्रा, संयुक्त मंत्री डॉ. अवधेश प्रताप सिंह, डॉ. संतलाल, कोषाध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार, विश्वविद्यालय प्रतिनिधि डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. शिव बहादुर तिवारी के नेतृत्व में सैकड़ों शिक्षकों ने अपनी सक्रिय उपस्थिति के माध्यम से सरकार तक अपना संदेश प्रेषित किया।
इस धरना-प्रदर्शन के अवसर पर अनुदानित महाविद्यालयों के स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. दिलीप शुक्ल और अवध विश्वविद्यालय स्ववित्तपोषित शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. राजू निगम के नेतृत्व में दर्जनों शिक्षक भी शामिल हुए।
धरना प्रदर्शन में आक्टा के पदाधिकारियों सहित पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुशील सिंह, पूर्व महामंत्री डॉ. हेमंत कुमार सिंह, डॉ. शैलेंद्र नाथ मिश्र, गोंडा, डॉ. जनमेजय तिवारी, साकेत, डॉ. मंशाराम वर्मा, गोंडा, डॉ. राजेश उपाध्याय, अंबेडकर नगर, डॉ. बृजेश कुमार सिंह, साकेत, डॉ. अनिल विश्वकर्मा, बाराबंकी, डॉ. इंद्रमणि सिंह, सुल्तानपुर, डॉ. चमन कौर,गोंडा, डॉ. अमन चंद्रा, गोंडा, डॉ. रेखा शर्मा, गोंडा, डॉ. राधेश्याम तिवारी, अमेठी, डॉ. अभय कुमार सिंह, प्राचार्य साकेत, डॉ. आदित्य नारायण त्रिपाठी, डॉ. सुधीर सिंह, प्राचार्य, डॉ. विनय सक्सेना प्राचार्य, डॉ. कौशलेंद्र सिंह, बारांबकी और डॉ. शिवम् श्रीवास्तव, बहराइच, डॉ. दिलीप शुक्ल गोंडा और डॉ. राजू निगम ने धरना स्थल पर अपने मूल्यवान विचार साझा किए। इन वक्ताओं ने एकमत से कहा कि प्रदेश सरकार को जागना होगा, हमारी मांगें माननी होगी अन्यथा शिक्षकों का असंतोष सरकार को बहुत महंगा पड़ेगा।
डॉ

महामंत्री, आक्टा



