आंगनवाड़ी कर्मचारी यूनियन ने डीपीओ कार्यालय पहुंच सौंपा 8 सूत्रीय ज्ञापन
भर्ती में अनियमितता, पोषण ट्रैकर फेल, सुविधाओं का अभाव का मुद्दा उठाया
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News

गोण्डा। आंगनवाड़ी कर्मचारी यूनियन उत्तर प्रदेश (सीटू) के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय पहुंचकर वहां पर उपस्थित डीसी सरोज तिवारी को आठ सूत्रीय मांगपत्र सौंपा। डीपीओ को सम्बोधित इस ज्ञापन में भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी से लेकर आंगनवाड़ी केंद्रों की बदहाल स्थिति और कार्यकत्रियों की उपेक्षा तक के मुद्दे उठाए गए। यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो 1 मई को मजदूर दिवस के अवसर पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा जाएगा।
प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष मीनाक्षी खरे के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में सबसे प्रमुख मुद्दा आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती में हुई अनियमितता को बताया गया है। उन्होंने कहा कि शासनादेश के अनुसार चयन की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट निर्धारित है, जबकि चयन प्रक्रिया में नियमों को दरकिनार कर बीए, ईडब्ल्यूएस और आय प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों के आधार पर मेरिट बनाई गई। इससे भर्ती में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार व वसूली की शिकायतें सामने आई हैं। कई अभ्यर्थी न्यायालय की शरण में भी जा चुके हैं। यूनियन ने इस पूरी प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग की है।
ज्ञापन में बताया गया कि जनपद के आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषण ट्रैकर काम नहीं कर रहा, जिससे लाभार्थी पोषण योजनाओं से वंचित हो रहे हैं। तीन से छह वर्ष तक के बच्चों का आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया भी ठप है, जिसे ब्लॉक स्तर से शुरू कराने की मांग की गई है।
इसके अलावा यूनियन ने केंद्रों पर बच्चों के लिए कुर्सी, मेज, कॉपी-किताब और खिलौने उपलब्ध कराने, शुद्ध पेयजल, शौचालय और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने की मांग उठाई। शहरी क्षेत्रों में जनसंख्या के अनुपात में केंद्रों की संख्या अधिक होने पर भी सवाल उठाए गए और कहा गया कि भौतिक सत्यापन कर वास्तविक लाभार्थियों के आधार पर राशन आपूर्ति की जाए।
पूर्व में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को मिल रहे “इक्विपमेंट 63 स” को पुनः बहाल करने तथा संगठन के साथ बैठकें सुनिश्चित करने की भी मांग की गई।
इस मौके पर मंडल अध्यक्ष रानी देवी पाल, जिलाउपाध्यक्ष गिरजावती मौर्य और नीलम श्रीवास्तव सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।

यूनियन की प्रमुख मांगे—
1. भर्ती प्रक्रिया की न्यायिक जांच और निरस्तीकरण
2. पोषण ट्रैकर की तकनीकी खराबी का समाधान
3. बच्चों के आधार कार्ड निर्माण की प्रक्रिया शुरू
4. केंद्रों पर शैक्षणिक व खेल सामग्री की व्यवस्था
5. मूलभूत सुविधाएं—पेयजल, शौचालय, बिजली
6. शहरी परियोजनाओं में भौतिक सत्यापन के बाद राशन
7. बंद ‘इक्विपमेंट 63 स’ की बहाली
8. यूनियन पदाधिकारियों के साथ बैठक

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