सोनबरसा के शिक्षक बलजीत का अभिनव प्रयोग
*सोनबरसा गांव की दीवारें भी बन गईं पाठशाला
*स्कूल बंद होने पर भी स्कूल की कमी नहीं खलने देंगी सोनबरसा की दीवारें*
*घर हो तमन्ना कुछ करने की तो राह संवरते जाते हैं*
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
शिक्षा क्षेत्र मनकापुर के कंपोजिट विद्यालय सोनबरसा बक्सरा आज्ञाराम आए दिन सुर्खियों में रहता है। इसका कारण वहां के शिक्षकों का वह प्रयास और नवाचार हो जाता है‌। जैसा कि अभी कुछ ही दिन पहले इस स्कूल में प्रधानाध्यापक आलोक कुमार भारती द्वारा मन की बात बोलती पेटिका का उद्घाटन किया गया था। जिससे बच्चे व शिक्षक काफी कुछ लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इसी क्रम में स्कूल के शिक्षक बलजीत सिंह कनौजिया द्वारा एक अभिनव प्रयोग किया गया है। इसके अंतर्गत शिक्षक विभिन्न गांव से पढ़ने के लिए आने वाले बच्चों के मजरा मजरा जाकर गांव के लोगों से बातचीत करके और उनकी सहमति लेकर खाली पड़े दीवारों, खम्भों आदि पर नई इबारत लिखने का प्रयास किया है। जिस पर तमाम शैक्षिक सामग्रीय लिखी गई हैं। इस तरह शिक्षक ने गांव को पाठशाला का रूप देने का प्रयास किया है।शिक्षक से जब यह पूछा गया कि ऐसा ख्याल आपके दिमाग में कैसे आया तो उन्होंने बताया कि कोरोना के पीरियड में जब सभी स्कूल कॉलेज बंद थे तो शासन के मंशानुरूप उन्होंने मजरा मजरा जाकर लगभग एक माह तक मोहल्ला क्लास चलाया । बच्चों में मास्क, सेनेटाइजर,साबुन व अन्य पुरस्कार भी देकर बच्चों को मोहल्ला क्लास में आने के लिए प्रेरित किया। ठीक उसी तरह से जब विद्यालय बंद हो जाएंगे वह रविवार का दिन हो या ग्रीष्म अवकाश या शरद अवकाश ऐसे समय में बच्चे अपने को स्कूल से अलग महसूस नहीं करेंगे। जब वह गांव की दीवारों को देखेंगे तो वह दीवारें उन्हें प्रेरित करेंगे कि हमें पढ़ना है कुछ बनना है और वह झोला खोलेंगे कुछ लिखेंगे पढ़ेंगे और कुछ दीवारों से भी सीखेंगे।
*कोरोना पीरियड में इनके कार्य*
*मोहल्ला पाठशाला में योगदान*
कोरोना वह समय था जब स्कूल कॉलेज बंद हो गए थे तो शिक्षक बलजीत ने शासन के मंशानुरूप मजरे मजरे बोर्ड व अन्य शिक्षण सामग्रियां अपनी गाड़ी पर ढोकर ले जाते थे। और वहां बच्चों में मास्क, सैनिटाइजर, साबुन और साथ ही साथ छोटे से भी उपलब्धि के लिए उन्हें पुरस्कार से नवाजते थे। जिससे बच्चे मोहल्ला क्लास में आने के लिए प्रेरित हो और यह बहुत ही प्रभावशाली रहा बहुत सारे बच्चे पढ़ने के लिए आते रहे। शिक्षक के मोहल्ला क्लास में सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का ध्यान रखा जाता था।साथ ही इन्होंने अपने मोहल्ला क्लास में कराए जा रहे विज्ञान के प्रयोग व अन्य शैक्षणिक कार्यों को अपने फेसबुक अकाउंट पर साझा करते थे। जिस पर जिला प्रशासन की नजर पड़ी। उन्होंने शिक्षक से विज्ञान के कराए जा रहे प्रयोगों के फोटो व विडियो डीसी एमडीएम गणेश गुप्ता के माध्यम से मंगवाकर जिलाधिकारी के फेसबुक ऑफिशल पेज पर कई बार साझा किया गया।
*स्कूल की उपलब्धियां*
लगातार तीन वर्षों से कंपोजिट विद्यालय सोनबरसा के बच्चों का चयन नेशनल लेवल की परीक्षा राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्र वृत्ति परीक्षा में हुआ। जिसमें बच्चों को छात्रवृत्ति लगातार मिल रही है। राष्ट्रीय आविष्कार अभियान में मॉडल प्रोजेक्ट, विज्ञान क्विज आदि प्रतियोगिता में बच्चे अपना जलवा बिखेर रहे हैं। मतदाता जागरूकता, मिशन शक्ति, सड़क सुरक्षा, जागरूकता में बच्चों और शिक्षकों द्वारा बहुत सारे कार्य किये गये हैं । जिसके लिए बच्चों शिक्षकों को सम्मान प्राप्त हुए हैं। विविध अवसरों पर जिला जज,जिलाधिकारी, बीएसए आदि के द्वारा सम्मानित किया गया।

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