महिला स्वास्थ्यकर्मियों का फिर से फूटा गुस्सा, वेतन कटौती, उत्पीड़न और मनमानी के खिलाफ बिगुल
पूर्व में हटाई गई सीएचसी अधीक्षिका की संभावित वापसी पर जताई कड़ी नाराजगी, आंदोलन की चेतावनी
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News
गोंडा। वेतन कटौती, उत्पीड़न और प्रशासनिक मनमानी के खिलाफ महिला स्वास्थ्यकर्मियों का गुस्सा रविवार को गांधी पार्क में एक बार फिर से फूट पड़ा है। मातृ शिशु कल्याण महिला कर्मचारी संघ और उत्तर प्रदेश बेसिक हेल्थ वर्कर्स एसोसिएशन की संयुक्त बैठक हुई जिसमें भारी संख्या में सीएचसी व पीएचसी से जुड़ी एएनएम, सीएचओ सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मियों ने हिस्सा लिया। बैठक की अध्यक्षता संघ की जिलाध्यक्ष अंजनी शुक्ला ने की।
बैठक में कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि बिना किसी पूर्व नोटिस या स्पष्टीकरण के कई स्वास्थ्यकर्मियों का वेतन रोक दिया गया है, जो मानसिक उत्पीड़न की श्रेणी में आता है। टीम बेस्ट इंसेंटिव, वेलनेस एक्टिविटी, डीए एरियर और राष्ट्रीय कार्यक्रमों का मानदेय वर्षों से लंबित है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। तकनीकी कारणों से ऑनलाइन मीटिंग में शामिल न हो पाने पर भी वेतन कटौती की गई, जबकि कर्मचारी उपस्थित थे।
स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि छुट्टी के लिए आवेदन करने के बावजूद उन्हें स्वीकृति नहीं मिलती, जिससे उपस्थिति रजिस्टर पर सवाल उठते हैं। बैठक में पूर्व सीएचसी अधीक्षिका की संभावित वापसी का भी कड़ा विरोध किया गया। कर्मचारियों ने कहा कि पूर्व में उनके कार्यशैली को लेकर विरोध दर्ज कराया गया था, बावजूद इसके उन्हें दोबारा तैनात करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे विभाग में असंतोष का माहौल है।
स्वास्थ्यकर्मियों ने आरोप लगाया कि पंडरी कृपाल की सीएचसी अधीक्षिका को हटाए जाने के दो महीने बाद भी पंडरी कृपाल सीएचसी में वर्तमान अधीक्षक को पूर्ण वित्तीय चार्ज नहीं दिया गया है, जिससे आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय रुका हुआ है। वहीं, पूर्व अधीक्षिका पर व्हाट्सएप ग्रुप में रहकर हर गतिविधि पर नजर रखने का आरोप भी लगाया गया, कर्मचारी नेताओं ने कहा इससे कार्यस्थल पर सम्मानजनक माहौल समाप्त होता जा रहा है।
बैठक में जिलाध्यक्ष अंजनी शुक्ला, बेसिक हेल्थ वर्कर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष रामशेखर पांडे, मंत्री अनुराग श्रीवास्तव सहित अन्य पदाधिकारियों ने कड़ी चेतावनी दी कि यदि पूर्व सीएचसी अधीक्षिका को पंडरी कृपाल सीएचसी में पुनः नियुक्त किया गया, तो सभी कर्मचारी जिला स्तर पर कार्य बहिष्कार व विरोध प्रदर्शन करेंगे। बैठक में एकता वर्मा, प्रीति, मानकी, ममता, रंजना, स्नेहा, रेनू सिंह, शशिप्रभा सिंह, अमरावती, विनिता, कंचन पांडे, ब्यूटी वर्मा, स्वाति पाल, श्वेता श्रीवास्तव, गायत्री पांडे, लालपति, हेमलता वर्मा, आरती, ज्योती, विनीता और पूजा सहित बड़ी संख्या में महिला स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहीं। सभी ने सामूहिक रूप से मांग की कि कर्मचारियों की समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाए, अन्यथा आंदोलन की रणनीति बनाकर चरणबद्ध तरीके से प्रदर्शन किया जाएगा।



