शिक्षा एवं नेत्र स्वास्थ्य पर आयोजित हुई बौद्धिक संगोष्ठी
सड़क सुरक्षा जागरूकता रैली निकाली गई, पोस्टर प्रतियोगिता हुई आयोजित
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News :

गोंडा। सरस्वती देवी नारी ज्ञानस्थली पी.जी. कॉलेज, गोंडा की राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई के तत्वाधान में आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर के तृतीय दिवस का आयोजन गुरुवार को महर्षि अरविंद बाल शिक्षा मंदिर हायर सेकेंडरी स्कूल, उपरहितनपुरवा में किया गया। इस अवसर पर अतिथि कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. अमित सिंह ने स्वयंसेविकाओं को आयुष चिकित्सा प्रणाली के महत्व की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी जैसी पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियाँ हमारे स्वास्थ्य को संपूर्ण रूप से प्रभावित करती हैं और इनके माध्यम से बिना किसी दुष्प्रभाव के रोगों का उपचार संभव है।
इसके बाद योग प्रशिक्षक प्रवीन तिवारी एवं करुणेश पटेल ने स्वयंसेविकाओं को योगाभ्यास कराया। उन्होंने विभिन्न योगासन, प्राणायाम और ध्यान की विधियों का अभ्यास करवाया एवं इनके लाभों के बारे में विस्तार से बताया। प्रशिक्षकों ने कहा कि नियमित योग से न केवल शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि मानसिक शांति भी प्राप्त होती है।
योग सत्र के बाद, कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मौसमी सिंह, डॉ. नीतू सिंह एवं विजय प्रकाश श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में स्वयंसेविकाओं ने सड़क सुरक्षा जागरूकता रैली निकाली। यह रैली उपरहितनपुरवा एवं रानीपुरवा में निकाली गई, जिसमें स्वयंसेविकाओं ने पोस्टर और बैनर लेकर लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया। रैली के दौरान सड़क सुरक्षा के प्रति सचेत रहने, हेलमेट और सीट बेल्ट पहनने, मोबाइल फोन का उपयोग न करने और यातायात संकेतों का पालन करने का संदेश दिया गया। सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम के बाद, स्वयंसेविकाएं कुम्हार बस्ती पहुंचीं, जहां उन्होंने पारंपरिक मिट्टी के कुल्हड़ बनाने की कला सीखी। कुम्हारों ने उन्हें मिट्टी तैयार करने, चाक पर आकार देने और कुल्हड़ को मजबूती देने की प्रक्रिया समझाई। स्वयंसेविकाओं ने स्वयं भी चाक पर कुल्हड़ बनाकर इस कला का अनुभव लिया। इस दौरान कुम्हारों ने बताया कि आजकल प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग के कारण मिट्टी के बर्तन बनाने का व्यवसाय संकट में है, लेकिन यदि लोग पुनः पारंपरिक बर्तनों का उपयोग शुरू करें, तो यह कला फिर से जीवंत हो सकती है।
कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मौसमी सिंह एवं डॉ. नीतू सिंह ने स्वयंसेविकाओं को चार समूहों में बांटा और हर समूह का एक लीडर नियुक्त किया। मदर टेरेसा ग्रुप की लीडर अफीफा बनी।
महात्मा गांधी ग्रुप की लीडर सुधा मिश्रा को बनाया गया। स्वामी विवेकानंद ग्रुप की लीडर सुरभि उपाध्याय, एपीजे अब्दुल कलाम ग्रुप की लीडर निशा तिवारी को बनाया गया। इसके अलावा, खुशी मिश्रा को सुपर लीडर और राधा मिश्रा एवं मरियम को अनुशासन लीडर के रूप में चुना गया। शिविर के दौरान सड़क सुरक्षा पर पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें स्वयंसेविकाओं ने रचनात्मक पोस्टर बनाकर सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता का संदेश दिया। इस प्रतियोगिता में अल्फिया शेख, कशिश सिंह, खुशी जायसवाल, आंचल यादव, मरियम, राधा मिश्रा, शालिनी सिंह एवं आस्था श्रीवास्तव ने भाग लिया। प्रतिभागियों ने अपने पोस्टरों के माध्यम से सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और यातायात नियमों का पालन करने की आवश्यकता को दर्शाया। कार्यक्रम के अंत में, कॉलेज के शिक्षा विभाग की प्रवक्ता डॉ. आशु त्रिपाठी द्वारा “शिक्षा एक निवेश है” विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। उन्होंने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि शिक्षा केवल ज्ञान प्राप्ति का साधन नहीं, बल्कि समाज में बदलाव लाने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि एक शिक्षित व्यक्ति न केवल स्वयं के भविष्य को उज्जवल बनाता है, बल्कि समाज के विकास में भी योगदान देता है। इसके बाद, नेत्र विशेषज्ञ डॉ. विवेक मौर्या ने नेत्र स्वास्थ्य एवं देखभाल से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि मोबाइल और कंप्यूटर स्क्रीन के अत्यधिक उपयोग से आँखों पर बुरा प्रभाव पड़ता है, इसलिए आँखों को स्वस्थ रखने के लिए नियमित नेत्र परीक्षण, सही आहार और उचित देखभाल आवश्यक है। एनएसएस शिविर के तृतीय दिवस के विभिन्न आयोजनों ने स्वयंसेविकाओं को योग, सड़क सुरक्षा, हस्तकला, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूक किया। इस दौरान न केवल उन्हें नई जानकारी प्राप्त हुई, बल्कि उन्होंने समुदाय सेवा और नेतृत्व कौशल का भी अनुभव किया। शिविर के आगामी दिनों में और भी कई रोचक एवं ज्ञानवर्धक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।

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