**शिक्षक संगठनों का बढ़ा आकार, चट्टानी एकता के सामने झुकी सरकार**
ऑनलाइन हाजिरी के आदेश पर लगी दो माह की रोक से उम्मीदें बढ़ी
शिक्षक संघों ने कहा कि विशलेषण करने वाली समिति रखे शिक्षक की समस्याओं को भी

 

ऑनलाइन हाजिरी पर फ़िलहाल रोक लगने से शिक्षकों के नजर में बढ़ा संगठनों का कद
शिक्षक, अनुदेशक और शिक्षा मित्रों के संगठनों में भी दिखी एकजुटता
**प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता**

**Gonda News** ::

ऑनलाइन हाजिरी के मुद्दे पर शिक्षक संगठनों के आंदोलन के सामने सरकार ने इस पर अस्थायी रोक लगा दी है। संगठित शिक्षको को ये ताकत विभिन्न शिक्षक संगठनों के संघर्ष मोर्चे और संघर्ष समिति के बैनर तले एक जुट हो जाने से दिखी। इस बार का आंदोलन पूर्व के आंदोलनों से अधिक ताक़तवर रहा। चट्टानी एकता के कारण संगठनों का कद भी बढ़ा है।
आठ जुलाई से शिक्षकों के लिए स्कूल पहुंचकर ऑनलाइन हाजिरी को जरूरी कर दिए जाने से शिक्षकों और उनके संगठनों में उपजा आक्रोश अभी खतम नहीं हुआ है। ऑनलाइन हाजिरी पर फ़िलहाल दो महीने के लिए लगी रोक से शिक्षकों का उबाल शांत हुआ है। मगर शिक्षक संगठन इसे आंदोलन को कमजोर करने के लिए उठाया गया सरकारी कदम बता रहे हैं। ऐसे मे शिक्षक समस्याओं के स्थाई समाधान होने तक आंदोलन जारी रखने के मूड में शिक्षक संगठन हैं।

 

 

डिजिटल अटेंडेंस के स्थगन का स्वागत करते हुए उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने इसे शिक्षकों की जीत बताया है साथ ही शासन द्वारा इसे आगामी कुछ दिनों के लिए स्थगित करने के स्थान पर आदेश को निरस्त करने की मांग की है। जिलाध्यक्ष विनय तिवारी ने कहा कि डिजिटल अटेंडेंस को स्थगित करना समस्या का स्थाई समाधान नहीं है। शिक्षकों की समस्याओं का गंभीरता पूर्वक हल निकालना होगा। प्रदेश नेतृत्व के निर्देशानुसार जब तक हमारी मांगों/समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता है तब तक आन्दोलन जारी रहेगा।

विनय तिवारी, जिलाध्यक्ष, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ

 

शिक्षकों की जायज माँग के संबंध में सरकार द्वारा मात्र 2 महीने के लिए एक झुनझुना पकड़ा दिया गया कि बरसात होने तक ऑनलाइन उपस्थिति को रोक दिया जाए तथा उसके बाद कमेटी जो निर्णय लेगी वह प्रदेश के शिक्षकों पर लागू किया जाएगा लेकिन जो हमारी मांगे थी समस्याएं थी उस पर किसी भी प्रकार का कोई विचार नहीं किया गया। 30 EL और हाफ CL के संबंध में किसी प्रकार का आश्वासन भी नहीं दिया गया है। हमारे प्रांतीय पदाधिकारियों ने शिक्षक शिक्षामित्र अनुदेशक कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने यह निर्णय लिया है कि हम इस आंदोलन को तब तक करेंगे जब तक सरकार हमारी मांगों को नहीं मान लेती है। शिक्षकों की भावनाओं से खिलवाड़ करना ठीक नहीं है। बाराबंकी में कल से सघन अभियान के अंतर्गत शिक्षकों पर कार्यवाहियाँ प्रारंभ हो जाएंगी तथा पूरा प्रदेश भी इसकी जद में आएगा। इस निर्णय को लेकर प्रदेश भर के शिक्षक, शिक्षा मित्र, अनुदेशक एवं कर्मचारी बहुत ही आक्रोशित हैं और प्रदेशीय नेतृत्व के आवाहन पर 29 जुलाई को महानिदेशक के कार्यालय का घेराव भारी संख्या में करेंगे। संघर्ष मोर्चा ने इतना बड़ा आंदोलन उस काले कानून को वापस करने के क्रम में किया था लेकिन वह काला कानून एक बोतल की जिंद तरह बंद हो गया है। सरकार या विभाग जब भी चाहेगा बोतल को खोलकर शिक्षकों को मशीनों के अधीन कर देगा और हमारी प्रमुख मांगे भी ज्यों की त्यों रह जाएंगी।

अशोक कुमार पाण्डेय, अध्यक्ष पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ एवं संयोजक संयुक्त संघर्ष मोर्चा, गोण्डा
डिजिटल उपस्थिति स्थगन संबंधित आदेश सैद्धांतिक से फौरी राहत है, जो संयुक्त मोर्चे को स्वीकार नहीं है। प्रदेश सरकार द्वारा गठित समिति का हश्र पेंशन पर गठित समिति की तरह ही होगा। मोर्चे की 30 EL, हाफ CL, सहित अन्य मूलभूत मांगों पर जब तक अंतिम निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक 29 जुलाई को महानिदेशक कार्यालय का घेराव/धरना कार्यक्रम यथावत रहेगा।

राजेश कुमार शुक्ल, प्रांतीय लेखाकार, उत्तर प्रदेश जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ
प्रदेश के सभी शिक्षक प्रतिनिधियों की ऑनलाइन उपस्थिति के विरोध में एक साथ विरोध की रणनीति ने विभागीय अधिकारियों की मंशा पर पानी फेर दिया और सरकार को शिक्षकों की जायज मांगों पर विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ा। ऑनलाइन हाजिरी के अव्यवहारिक आदेश को स्थगित करने की जगह तत्काल प्रभाव से निरस्त कर देना चाहिए।

नरेंद्र कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष, पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ, गोण्डा
डिजिटल हाजिरी के स्थगन का स्वागत करते हुए उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष आनंद त्रिपाठी ने कहा कि ये शिक्षक और संगठनों के संघर्ष की जीत है। उन्होंने कहा कि शासन से स्थगन करने के बजाय निरस्त करना चाहिए। डिजिटल अटेंडेंस को स्थगित करना समस्या का स्थाई समाधान नहीं है। शिक्षकों की समस्याओं का गंभीरता पूर्वक हल निकालना होगा।

आनन्द त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ

 

प्रांतीय नेतृत्व द्वारा महानिदेशक एवं प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से वार्ता हुई जिसमें अगले आदेश तक स्थगन कर समिति का गठन किया गया जो जल्द अपनी आख्या प्रस्तुत करेगी परन्तु हमारी संपूर्ण मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। पूर्व में भी कई बार इसी प्रकार समिति बनाकर शिक्षकों को ठगा जा चुका है। जब तक 30 EL, मेडिकल बीमा, 15 अर्द्ध EL, पुरानी पेंशन, विद्यालयों में बेंच, स्वच्छ जल, विद्युतीकरण, कंप्युटर, लाइब्रेरी, प्रैक्टिकल रूम, रसोइया मानदेय वृद्धि, शिक्षा मित्र मानदेय वृद्धि, अनुदेशक मानदेय वृद्धि आदि पूरा नहीं होता आन्दोलन जारी रहेगा।

किरन सिंह, जिलाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ

 

पूर्व में भी आंदोलन को खत्म करने के लिए शासन ने कई बार समिति का गठन किया परंतु कोई आदेश जारी नहीं हुआ जब तक हमारी संपूर्ण मांग विद्यालय में संपूर्ण व्यवस्था, बेंच, पुस्तकालय, लाइब्रेरी, कंप्युटर, प्रैक्टिकल रूम, शुद्ध पेयजल, शौचालय, 30 ई एल 15 अर्द्ध अवकाश, द्वितीय शनिवार अवकाश, जीरो डेप मेडिकल बीमा, पुरानी पेंशन तथा राज्य कर्मचारियों की भाँति समस्त सुविधा उपलब्ध नहीं कराते तब तक आंदोलन अनवरत जारी रहेगा।

पवन कुमार सिंह, मण्डलीय शिक्षक नेता
उ0प्र0जू0हा0शि0संघ देवी पाटन मण्डल।
शिक्षकों की मांगे माने जाने तक रजिस्टरों के डिजिटाइजेशन का बहिष्कार जारी रहेगा शेष विद्यालयी कार्य पूर्व की तरह अध्यापक करते रहेंगे।

वीरेंद्र मिश्र, जिलाध्यक्ष, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ गोण्डा

 

संयुक्त मोर्चा द्वारा मांग प्रेषित किया गया है जिसको पहले सरकार उनकी समस्याओं का समाधान करें तत्पश्चात ऑनलाइन उपस्थिति पर बात हो आज ₹10000 में 70 से 80 किलोमीटर दूरी पर शिक्षामित्र शिक्षण कार्य करने को मजबूर है। शिक्षामित्रों को प्रशिक्षित वेतनमान अथवा सामान्य कार्य समान वेतन चिकित्सा अवकाश मूल विद्यालय वापसी लागू हो।

अवधेश मणि मिश्रा, जिलाध्यक्ष उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ, गोंडा।

 

ऑनलाइन हाजिरी पर लगी फौरी रोक का स्वागत है मगर ये नाकाफी है, शिक्षक समस्याओं का समाधान होना जरूरी है। अब शिक्षक चुप नहीं बैठेंगे। संगठन उनकी समस्याओं के स्थाई हल होने तक लड़ता रहेगा।

विजय नारायण पांडे, शिक्षक नेता उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ
ये शिक्षकों की पहली जीत है, मगर इस स्थगन आदेश को आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश के रूप में देख रहे हैं। ऐसे में स्थाई समाधान होने तक आंदोलन को बनाए रखना होगा।

दिनेश कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ

 

शिक्षक नेता यशवंत पांडे ने कहा शिक्षक समस्याओं का आंदोलन चलता रहेगा। ऑनलाइन हाजिरी पर स्थगन आदेश अस्थाई है, समस्याओ का स्थाई हल नहीं है।

यशवंत पांडे, मीडिया प्रभारी जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ

 

ऑनलाइन हाजिरी पर फौरी रोक शिक्षको की जीत है, इसका स्थाई हल होने तक संघर्ष चलता रहेगा। संगठनों के अलावा इस बार हर एक शिक्षक ने कड़ा विरोध जताया। सभी ने एक जुट होकर शिक्षक संघों पर भरोसा जताया है, उनके भरोसे पर संगठन हमेशा खरा उतरा है और खरा उतरता रहेगा।

वीरेन्द्र कुमार त्रिपाठी, संयुक्त मंत्री/मीडिया प्रभारी
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ गोण्डा

 

ऑनलाइन अटेंडेंस को सरकार ने कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया है केवल एक छलावा है मुख्यमंत्री जी से मांग है पुरानी पेंशनबहाल हो , महिलाओं को मनचाही विद्यालय आवंटन हो, और शिक्षकों की जितनी भी समस्या है उसका निस्तारण किया जाए ऑनलाइन व्यवस्था को पूर्ण रूप से समाप्त करते हुए टैबलेट की खरीद की भी जांच होनी चाहिए

अनूप कुमार सिंह, जिलाध्यक्ष विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन इकाई गोंडा

 

 

शिक्षकों के हित का ये आंदोलन सफल नहीं हुआ है। सरकार इसका स्थाई हल निकाले विपरीत परिस्थितियों में शिक्षक शैक्षणिक, विभागीय और गैर विभागीय कार्यो को जूझते हुए कर रहे है, स्कूल प्रबंधन की चुनौती से उसे हर रोज लड़ना पड़ता है। आंदोलन आगे भी स्थाई हल होने तक जारी रहेगा।

सतीश पांडे, शिक्षक नेता, विशिष्ट बीटीसी वेल्फेयर एसोसिएशन गोंडा

 

ऑनलाइन अटेंडेंस को सरकार ने स्थगित किया है निरस्त नहीं। प्रदेश नेतृत्व का जैसा फैसला होगा वैसा निर्णय कर संघर्ष जारी रखेंगे।शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की भांति सुविधाएं मिलने तक ऑनलाइन अटेंडेंस आदेश स्थगन तक संघर्ष जारी रहेगा

रवि प्रकाश सिंह जिला अध्यक्ष यूनाइटेड टीचर एसोसिएशन यूटा जनपद गोंडा

 

रंग ला रही मुखर हुए शिक्षको की मेहनत
शिक्षक नेता अवधेश त्रिपाठी, अखिलेश शुक्ला, बलवंत सिंह, कुलदीप पाठक देवकीनंदन शुक्ला, आनंद देव सिंह, अवनीश पांडेय, अंगद प्रसाद, देवेंद्र सिंह, विपिन सिंह, अरूण कुमार शुक्ल, मुरली मनोहर शुक्ल, मोहम्मद सऊद, इरफान मोईन, मंजूर इलाही, शकुंतला सिंह, ऋचा सिंह, अनिल सिंह, आलोक पांडेय, शैलेश मिश्रा, संदीप श्रीवास्तव, संदीप त्रिपाठी, अनुपम पांडेय, अभिषेक त्रिपाठी, सुजीत त्रिपाठी, रामगोपाल सिंह, कृष्ण मोहन सिंह, अतुल कुमार मिश्रा, दिनेश कुमार मिश्रा, डॉ. अरुण सिंह, प्रदीप सिंह, सुशील पांडेय, कन्हैयालाल मौर्या, राजेश तिवारी, अजय दुबे, धनंजय, चंद्र प्रकाश वर्मा, आलोक पांडेय, आलोक श्रीवास्तव, अनुराग शुक्ला, प्रमोद द्विवेदी, विजय चौहान, पवन कुमार गुप्ता, स्मृति राय, ममता सिंह, कल्पना तिवारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री वीर विक्रम सिंह प्रान्तीय कोषाध्यक्ष सुरेश कुमार सिंह प्रान्तीय लेखाकार राजेश कुमार शुक्ला प्रान्तीय सयुंक्त मन्त्री सुशील कुमार मण्डलीय कोषाध्यक्ष संतोष कुमार पाण्डेय महामंत्री अजीत कुमार तिवारी उमा शंकर सिंह मन्त्री प्राथमिक शिक्षक संघ कोषाध्यक्ष अखिलेश शुक्ल कोषाध्यक्ष नरेन्द्र कुमार सिंह जिला मीडिया प्रभारी यशवंत पाण्डेय शिव मूर्ति पाण्डेय महामंत्री प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ असगरअली, अतुल मालवीय कृष्ण किशोर यादव विमलेश बहादुर सिंह जनार्दन प्रसाद पाण्डेय अमरेन्द्र सिंह देव प्रकाश पाण्डेय तोताराम पाण्डेय चंद्र किशोर वर्मा सुशील कुमार मिश्रा मनोज कुमार शर्मा राजेश कुमार मिश्रा भगवान प्रसाद पाण्डेय अमित पाण्डेय धर्मेन्द्र प्रताप सिंह गिरजा शंकर पाण्डेय अरविन्द कुमार सिंह सत्येन्द्र मिश्रा भुजंग प्रसाद दिलीप सिंह राठौर श्याम नारायण चतुर्वेदी राजू रवि कुमार तिवारी साकेत मिश्रा देव प्रकाश पाण्डेय बाल मुकुंद पाण्डेय रूपेश पाण्डेय राम शंकर मिश्रा अजय कुमार शुक्ला रीता मिश्रा वन्दना शुक्ला सुषमा पाठक संजय सिंह दिलीप सिंह राठौर सालिक राम वर्मा लवकुश शुक्ल तथा हरिवंश कुमार पाण्डेय एवं नगर क्षेत्र मे आनन्द सिंह एवं अफ़सा परवीन संत बक्स सिंह दुर्गेश सिंह महामंत्री पूर्व माध्यमिक अनुदेशक संघ अरुण कुमार कनौजिया प्रदीप कुमार मन्त्रीवि, शिष्ट बीटीसी वेल्फेयर एसोसिएशन के नेता अनूप सिंह, सतीश पांडे, आजाद वेग, अटेवा के अमर यादव , सत्यवान सिंह,सुधाकर मिश्रा, पवन सिंह,सतीश पाण्डेय,विशाल, राम कृष्ण, गौरव पाण्डेय, परवेज़ आलम,शिव कुमार गुप्ता, शाह मोहम्मद, संजय श्रीवास्तव ओम प्रकाश, शिव कुमार, चंदन सिंह गिरीश पाण्डेय, आलोक सिंह, सुमित सिंह, राजेश तिवारी अमित पांडे राम सजीवान शुक्ला निरकंर सिंह सुनील विश्वकर्मा उपेंद्र सिंह विनय मिश्रा कमलेश्वर तिवारी सरिता सिंह, शशि श्रीवास्तव , शबाना,नीलम शुक्ला, पुष्पा चौधरी,हाजरा बेगम,नीता सिंह, अंजलि,अजरा , शाजिया,अजय सिंह, हेमलता सिंह,मंजू शुक्ला,किरन सिंह,अनीता देवी,अल्का, सुनीता गुप्ता,रुचि सिंह, वंदना सिंह,नीतू मौर्या,एकताश्रीवास्तव , बबिता शुक्ला काजल शुक्ला ,अंकिता द्विवेदी, नीतू जायसवाल, अरुणिमा शाही,सुचित्रा सिंह, सुखदेव, हिमांशु त्रिपाठी, आशुतोष शुक्ला राजन शुक्ला, गोपाल वर्मा, ओमप्रकाश, पुनीत कुमार, शिवकुमार,अरविंद शुक्ला, सतीश चौहान, शौनक शुक्ला,सूरज सिंह,बृजेश वर्मा,रंजीत गौतम आदि ने कड़ा संघर्ष किया। स्थगन आदेश का सभी ने स्वागत किया मगर आगे भी संघर्ष करते रहने पर जोर डाला है।

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