गन्ना किसानों को दी गई टपक सिंचाई तकनीक की जानकारी, 90% तक सब्सिडी का लाभ लेने का आह्वान
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News

गोंडा। जल संकट और खेती की बढ़ती लागत को देखते हुए गन्ना विभाग ने किसानों को टपक (ड्रिप) सिंचाई तकनीक के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से बुधवार को “पर ड्रॉप मोर क्रॉप” विषयक कार्यशाला का आयोजन किया। यह कार्यक्रम गन्ना समिति सभागार में जिला गन्ना अधिकारी सुनील कुमार सिंह के मार्गदर्शन में उद्यान विभाग के सहयोग से संपन्न हुआ।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला गन्ना अधिकारी श्री सिंह ने कहा कि “टपक सिंचाई भविष्य की आवश्यकता है। इससे परंपरागत विधि की तुलना में लगभग 50% पानी की बचत होती है और उर्वरकों की आपूर्ति सीधे पौधों की जड़ों तक होने से उनकी बर्बादी भी रुकती है। इससे उत्पादन लागत घटती है और उत्पादकता बढ़ती है।” उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे इस तकनीक को अपनाकर जल संरक्षण और कृषि लाभ दोनों सुनिश्चित करें।

प्रभारी जिला उद्यान अधिकारी रश्मि शर्मा ने बताया कि सरकार द्वारा ड्रिप सिंचाई योजना के तहत किसानों को सामान्य वर्ग के लिए 80% और लघु एवं सीमांत किसानों के लिए 90% तक की सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे इस योजना का लाभ उठाएं और अपनी आमदनी में वृद्धि करें।

कार्यशाला में गन्ना विभाग, उद्यान विभाग, क्षेत्रीय चीनी मिलों के प्रतिनिधियों के अलावा विभिन्न ड्रिप सिंचाई संयंत्र निर्माताओं की कंपनियों के प्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए। कार्यक्रम के अंत में ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक सुनील कुमार शुक्ल ने आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट करते हुए इसे किसानों के लिए एक “महत्वपूर्ण और लाभकारी पहल” बताया।

यह कार्यशाला न सिर्फ तकनीक से किसानों को जोड़ने का प्रयास था, बल्कि जल संरक्षण और सतत कृषि की दिशा में भी एक सार्थक कदम साबित हुआ।

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