कम आबादी वाले गांव होंगे विलय, पंचायत चुनाव से पहले पुनर्गठन की तैयारी
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
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उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां जोर पकड़ने लगी हैं। राज्य सरकार ने अगले वर्ष अप्रैल तक चुनाव कराने की योजना बनाई है, जिसके तहत ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शहरी क्षेत्रों में शामिल हो चुके गांवों के कारण कई ग्राम पंचायतें समाप्त हो गई हैं या मानक के अनुरूप नहीं रह गई हैं। ऐसे में एक हजार से कम आबादी वाले गांवों को निकटवर्ती ग्राम पंचायतों में मिलाने की तैयारी चल रही है।
पंचायतीराज विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार ने स्पष्ट किया है कि अब एक हजार की आबादी पर एक ग्राम पंचायत गठित की जाएगी। यदि कोई ग्राम पंचायत इस मानक पर खरा नहीं उतरती और उसका राजस्व गांव नगरीय निकाय में शामिल हो चुका है, तो उसे पास की ग्राम पंचायत में जोड़ दिया जाएगा। वहीं, अगर कोई राजस्व गांव शहरी सीमा में आने के बावजूद ग्राम पंचायत के मानक पूरे करता है, तो उसे स्वतंत्र ग्राम पंचायत का दर्जा मिल सकता है।
प्रमुख सचिव ने यह भी बताया कि आंशिक रूप से प्रभावित ग्राम पंचायतों की स्थिति में भी जनसंख्या के आधार पर निर्णय होगा। जिन पंचायतों की जनसंख्या एक हजार या उससे अधिक होगी, वे यथावत बनी रहेंगी। इस संबंध में सभी जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जा रही है, जो पुनर्गठन से जुड़ी संस्तुतियां देगी।
आंकड़ों की नज़र में पंचायत संरचना
वर्तमान में प्रदेश में कुल 57,691 ग्राम पंचायतें, 826 क्षेत्र पंचायतें और 75 जिला पंचायतें हैं। पंचायतीराज विभाग ने पुनर्गठन के साथ-साथ आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है, जिससे आगामी चुनाव निष्पक्ष और सुव्यवस्थित ढंग से कराए जा सकें।
मतपेटिकाओं की आपूर्ति के लिए टेंडर जारी
राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2026 के लिए 1,27,863 मतपेटिकाओं की आपूर्ति हेतु टेंडर जारी कर दिया है। उप निर्वाचन आयुक्त संत कुमार की ओर से सीआर शीट ग्रेड CR-1 से बनी मतपेटिकाएं चार महीने के भीतर आपूर्ति कराने का निर्देश दिया गया है।
पंचायत प्रस्ताव की समयसीमा भी तय
पंचायतीराज विभाग ने जिलों से पांच जून तक पुनर्गठन संबंधी प्रस्ताव मांगे हैं। इसमें उन विकास खंडों की ग्राम पंचायतों व राजस्व गांवों को चिन्हित कर प्रस्ताव भेजने को कहा गया है, जिन्हें संशोधित अधिसूचना के तहत हटाया या किसी अन्य ग्राम पंचायत में जोड़ा जाना है।



