जिला अस्पताल गोंडा में लापरवाही और रिश्वतखोरी का गंभीर आरोप, मरीज की मौत के बाद परिजनों से मांगे गए 700 रुपये
मंडलायुक्त ने जांच कराने के लिए जिलाधिकारी को दिए निर्देश
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News

गोण्डा:

जिला अस्पताल गोंडा में इलाज के दौरान मरीज की मौत और रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप सामने आए हैं। मंडलायुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए हैं कि वे प्रकरण की जांच एडीएम से कराएं।

शिकायतकर्ता महेश निषाद ने शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी भाभी को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन कोई डॉक्टर इलाज के लिए उपस्थित नहीं हुआ। केवल स्टाफ नर्स ही दवा देती थी और हर बार दवा या इंजेक्शन के लिए पैसों की मांग करती रहती थी। दवाएं भी अस्पताल से न देकर बाहर से मंगवानी पड़ती थीं।

सबसे गंभीर बात तब हुई जब 15 सितम्बर 2024 को मरीज की मौत हो गई और मृतक के भाई ने जब अस्पताल से मृत्यु प्रमाण-पत्र मांगा, तो स्टाफ नर्स ने 700 रुपये की मांग की। पैसे न देने पर नर्स ने बाहरी लोगों को बुलाकर परिजनों के साथ मारपीट करवाई।

मंडलायुक्त ने इस प्रकरण को अत्यंत गंभीर माना है और जिलाधिकारी गोण्डा को निर्देशित किया है कि अपर जिलाधिकारी के माध्यम से मामले की जांच कराएं। उन्होंने जांच पूरा करने के लिए 30 सितम्बर तक की मोहलत दी है। शिकायतकर्ता के बयान सहित पूरी जांच रिपोर्ट मंडलायुक्त ने तलब की है।

अस्पताल में इस प्रकार की घटनाएं स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।

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