जिले में धान खरीद धीमी, 24% लक्ष्य ही हुआ पूरा
सीएमआर भंडारण की समस्या बनी बाधा, 28 फरवरी तक खरीद का समय
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता

Gonda News :

जिले में इस वर्ष धान खरीद प्रक्रिया लक्ष्य के अनुरूप नहीं चल रही है। निर्धारित 10 लाख 20 हजार क्विंटल धान खरीद के लक्ष्य के मुकाबले अब तक केवल 24 प्रतिशत ही खरीद हो पाई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जिले के 107 क्रय केंद्रों पर धान की खरीद प्रक्रिया जारी है, लेकिन धीमी प्रगति के पीछे कई प्रशासनिक और तकनीकी समस्याएं उभरकर सामने आई हैं।

भंडारण और कुटाई की समस्या बनी सबसे बड़ी चुनौती

धान की खरीद के बाद उसकी कुटाई और भंडारण की व्यवस्था में आ रही अड़चनें इस धीमी प्रगति का मुख्य कारण हैं। जिले की करीब डेढ़ दर्जन चावल मिलों पर सरकारी धान की कुटाई की जिम्मेदारी है, लेकिन सीएमआर (कस्टम मिल्ड राइस) को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों में रखने में दिक्कतें आ रही हैं। इसके कारण खरीद प्रक्रिया बाधित हो रही है।

डिप्टी आरएमओ प्रज्ञा मिश्रा ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए एफसीआई को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि अधिक से अधिक डिपो खोले जाएं, ताकि चावल को वहां भंडारित किया जा सके।

डीएम ने लिया मामले का संज्ञान

इस प्रकरण को संभागीय खाद्य नियंत्रक जिलाधिकारी नेहा शर्मा के संज्ञान में लाया गया है। डीएम ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया है कि खरीद प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए सभी बाधाओं को जल्द से जल्द दूर किया जाए। इसके लिए चावल मिलों के साथ बैठकें आयोजित की जा रही हैं और एफसीआई से भी तत्काल समाधान की मांग की गई है।

खरीद के लिए 28 फरवरी तक का समय

धान की खरीद के लिए अभी 28 फरवरी तक का समय है। प्रशासन उम्मीद कर रहा है कि यदि सीएमआर की भंडारण समस्या का समाधान जल्दी किया गया, तो निर्धारित लक्ष्य को समय पर पूरा किया जा सकेगा।

किसानों की समस्या पर प्रशासन दे रहा ध्यान

धान की खरीद में हो रही देरी का सीधा असर किसानों पर पड़ रहा है। किसान अपनी फसल को बेचने के लिए क्रय केंद्रों पर लंबी कतारों में खड़े रहने को मजबूर हैं। प्रशासन का कहना है कि सभी केंद्रों पर सुचारू व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त कर्मचारी तैनात किए गए हैं।

धान खरीद प्रक्रिया में भले ही समस्याएं सामने आ रही हों, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर इनका समाधान निकालने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। यदि संबंधित विभागों के बीच समन्वय बेहतर हुआ, तो जिले का धान खरीद लक्ष्य जल्द पूरा हो सकता है।

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