पुलिसिंग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अहम शोध
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
Gonda News
गोण्डा। जनपद में जन्मे एवं स्नातक तक की शिक्षा गोंडा शहर से ग्रहण कर पूरे देश में जनपद का नाम रोशन करने वाले मो. मुनव्वर ख़ान जो इस समय वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त, आरपीएफ जबलपुर के पद पर तैनात हैं। मो. मुनव्वर ख़ान का शोध लेख “Artificial Intelligence in Policing: A Tale of Two Futures” प्रतिष्ठित Indian Police Journal (BPR&D, नई दिल्ली) के जनवरी-जून 2025 अंक में प्रकाशित हुआ है। इस लेख में श्री ख़ान ने आधुनिक पुलिसिंग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बढ़ती भूमिका और उसकी संभावनाओं पर गहन अध्ययन प्रस्तुत किया है। लेख में बताया गया है कि किस प्रकार AI के प्रयोग से—
फॉरेंसिक जाँच में त्वरित परिणाम,
अपराध की पूर्वानुमानित रोकथाम
डेटा एनालिटिक्स द्वारा अपराध नेटवर्क की पहचान तथा जन सुरक्षा व त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।
उन्होंने अपने शोध में बेंगलुरु पुलिस के ASTraM प्रोजेक्ट और उत्तर प्रदेश पुलिस के CrimeGPT जैसे उदाहरणों का विश्लेषण करते हुए यह स्पष्ट किया है कि ए आई पुलिस बल की कार्यक्षमता को कई गुना बढ़ा सकता है।
साथ ही, उन्होंने डेटा प्राइवेसी, एल्गोरिदमिक बायस और जनता के भरोसे जैसे संवेदनशील मुद्दों को भी रेखांकित करते हुए सुझाव दिया है कि ए आई का इस्तेमाल सुरक्षा, निष्पक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों पर आधारित होना चाहिए। लेख के निष्कर्ष में श्री ख़ान ने यह संदेश दिया है कि ए आई पुलिसिंग का भविष्य गढ़ सकता है, परन्तु इसे सदैव मानव-केंद्रित, नैतिक और विधिसम्मत रूप में अपनाना आवश्यक है। यह प्रकाशन न केवल उनके व्यक्तिगत शोध व लेखन की बड़ी उपलब्धि है, बल्कि यह भारतीय रेल सुरक्षा बल तथा सम्पूर्ण पुलिसिंग जगत की प्रतिष्ठा को भी बढ़ाता है।



