बाल विकास कर्मियों ने भरी हक की हुंकार, संविदा से स्थाई करने की दरकार
लखनऊ के सरोजनी नायडू पार्क पर जुटे कर्मियों को पुलिस ने पैदल मार्च करने से रोका
समेकित बाल विकास कर्मचारी एसोसिएशन के बैनर तले जुटे संविदा कार्मिक, प्रदर्शन किया
आंदोलन का राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने किया समर्थन
संविदा कर्मियों को स्थाई करने की उठी मांग
साल भर से रुके वेतन को तत्काल देने की मांग उठी
संघ के नेताओं ने कहा कि मांगे नहीं मानी गई तो विधानसभा चुनाव में संगठन दिखाएगा अपनी ताकत
22 वर्ष से बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में कार्यरत सुपरवाइजर और लिपिकों नहीं मिला है इस बार सेवा विस्तार
साल भर से वेतन नहीं मिलने पर भुखमरी के मुहाने पर पहुचे कार्मिक
प्रदीप मिश्रा, प्रमुख संवाददाता
State News Lucknow :
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग मे वर्षों से कार्यरत संविदा सुपरवाइजर और लिपिकों के संगठन ने मंगलवार को प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा। सरोजनी नायडू पार्क पर जुटे कार्मिकों को जब बापू भवन तक पैदल मार्च करते हुए जाने से पुलिस ने रोका तो संघ के नेताओं और कार्मिकों का गुस्सा सातवे आसमान पर जा पहुंचा। कार्मिकों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। संघ के नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को प्रशासन ने पुलिस के घेरे में लेकर ज्ञापन लिया जिसे शासन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया गया। संघ ने एलान किया है कि संविदा कर्मियों के नियमितीकरण की कार्यवाही अगर नहीं शुरू होगी तो 31 जुलाई को फिर आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया जाएगा।
भेदभाव कर रही सरकार : रजनी सिंह
समेकित बाल विकास कर्मचारी एसोसीएशन की अध्यक्ष रजनी सिंह ने कहा कि सरकार हम लोगों की मांगों पर यदि विचार नहीं करती है तो आने वाले दिनों में इसका असर आगामी चुनावों पर पड़ेगा। हम लोगों से पीछे की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को नियमित करते हुए सुपरवाइज़र बना दिया गया और हम लोगों में सभी योग्यता होने के बावजूद अभी तक नियमित नहीं किया जा रहा है। इसके पहले भी कई बार धरना प्रदर्शन करके ज्ञापन सौंपा गया। बावजूद इसके सरकार ने बाल विकास कर्मियों की समस्याओं की ओर से आंखे मूँद रखी हैं।
रजनी सिंह ने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों की नाराज़गी का गुस्सा बीते लोकसभा चुनाव में झेला है। अगर हमारी बातें नहीं सुनीं गईं तो आगे सरकार को सबक सिखाने का काम किया जाएगा। कर्मचारियों ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में हम सरकार को संगठन की ताकत को दिखाएंगे।
इस दौरान राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री आरके निगम ने कहा कि पिछले 22 वर्षों से कार्यरत मुख्य सेविकाओं और लिपिकों का न तो एक साल से सेवा विस्तार किया गया और ना ही मानदेय का भुगतान किया जा रहा है। जिससे उनके सामने परिवार चलाने का संकट गहरा हो गया है।
प्रदर्शनकारियों में वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगीता प्रसाद, संगठन मंत्री मीनाक्षी गुप्ता, कोषाध्यक्ष अनिता उपाध्यक्ष डा, अल्पना, निवेदिता, प्रचार मंत्री मीनाक्षी, गीता केसरी के अलावा राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के उपाध्यक्ष आरके वर्मा, प्रेक्षक नागेंद्र भूषण, संगठन मंत्री, अभय सिंह, उपाध्यक्ष सीएल गुप्ता, मुकेश द्वेवेदी, कुंदन सेनी, राम प्रकाश, बाल विकास एवं पुष्टाहार के अध्यक्ष अजीत प्रताप सिंह, महामंत्री अभिषेक बाजपेई, सुपरवाइजर तृप्ति पांडे, गरिमा राजन, सुमिता वर्मा, मिताली सिंह, इंद्रावती वर्मा, प्रदीप पांडे, लालमन, अशोक त्रिपाठी, आदि उपस्थित रहे।
समेकित बाल विकास सेवा (ICDS) कार्यक्रम के तहत काम करने वाले कर्मचारियों ने मंगलवार को धरना प्रदर्शन किया। इन कर्मचारियों ने अपने संगठन के नेताओं के नेतृत्व में लखनऊ के सरोजिनी नायडू पार्क में प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में एक स्वर में आवाज उठाई। उनकी प्रमुख मांग है कि 22 वर्ष से कार्यरत कर्मचारियों की स्थायी नियुक्ति की जाए, वे 22 वर्षों से सेवा में संविदा के आधार पर विभागीय कामकाज का निपटान बखूबी कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारी नेताओं ने स्पष्ट किया कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती, उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। संगठन के बैनर तले संविदा सुपरवाइजर और लिपिकों ने विभागीय उच्चाधिकारियों से लेकर विभागीय मंत्री और फिर मुख्यमंत्री को मिलकर अपना मांग पत्र दे चुके हैं। लखनऊ में प्रदर्शन करने आने से पहले कार्मिकों ने एक ज्ञापन अपने अपने जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारियों को दिया। कार्मिकों के मांगपत्र पर कार्यवाही नहीं होने से उन सभी के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ गई है। ऐसे में सभी ने आर या पार की लड़ाई शुरू करने से पहले लोकतांत्रिक ढंग से शांति पूर्वक पैदल मार्च निकालकर ज्ञापन सौपने की रणनीति तैयार की थी। मंगलवार का ये कार्यक्रम इसी रणनीति के तहत था।
संविदा सीडीपीओ के लिए भी है संकट :
बाल विकास विभाग मे संविदा पर तैनात सीडीपीओ के सामने भी सेवा विस्तार और स्थायीकरण नहीं होने का संकट है। हर साल सेवा विस्तार को लेकर होने होने वाली चिंता से जादा इस साल की सेवा विस्तार को लेकर है। इस बार साल भर से संविदा सीडीपीओ, सुपरवाइजर और लिपिक वर्ग का सेवा विस्तार नहीं किया गया है। इतना ही नहीं बीते कुछ महीनों से रह रह कर इन संविदा कार्मिकों को उनकी सेवा से बाहर रास्ता दिखा दिए जाने की अफवाह भी उड़ रही थी। इन अफ़वाहों को बल तब मिला कि जब सेवा विस्तार पर बीस साल पुराने एक जांच को लेकर रोक लगाई गई है।



