दो दशक से संविदा पर सेवा दे रहे बाल विकास कर्मियों को विशेष शिक्षकों की तर्ज पर स्थायीकरण की उम्मीद जगी 
माँगों को लेकर फिर बढ़ी सुगबुगाहट

प्रदीप मिश्रा , प्रमुख संवाददाता।

Gonda News
प्रदेश सरकार द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष शिक्षकों के 5352 पदों पर पहले पुराने पात्र शिक्षकों को समायोजित करने और फिर नई भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने के फैसले ने बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के संविदा कर्मियों में भी नई उम्मीद जगा दी है। वर्ष 2003 के आसपास विभिन्न जिलों की ब्लॉक स्तरीय बाल विकास परियोजनाओं में संविदा आधार पर तैनात मुख्यसेविकाएं, सीडीपीओ और बाबू बीते 20 वर्षों से अधिक समय से विभागीय जिम्मेदारियां निभा रहे हैं। बावजूद इसके, इन्हें अब तक स्थायीकरण का लाभ नहीं मिल सका है।

दो दशक पुरानी सेवाएं, फिर भी असुरक्षा की स्थिति

विभागीय आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2003 में संविदा पर नियुक्त हुए इन कर्मियों की वर्तमान संख्या 200 से भी कम है। इनमें से अधिकांश कर्मचारी अपने जीवन के दो दशक विभागीय कार्यों को समर्पित कर चुके हैं। इनकी सेवाओं का हर साल नवीनीकरण होता है, जिससे असुरक्षा की स्थिति बनी रहती है। हाल ही में विभाग में मुख्यसेविका से सीडीपीओ तकरीबन 197 पदों पर प्रमोशन और ढाई हजार नए पदों पर भर्ती हुई है, मगर पुराने संविदा कर्मियों का स्थायीकरण अब तक अधर में लटका हुआ है।

संविदा विशेष शिक्षकों के मामले में फैसले से जगी उम्मीद

विशेष शिक्षकों के पक्ष में आए हालिया फैसले ने इन कर्मियों के भीतर नई ऊर्जा और विश्वास पैदा किया है। कर्मियों का कहना है कि सरकार ने जब विशेष शिक्षकों को राहत दी है तो उम्मीद है कि बाल विकास विभाग के संविदा कर्मियों के प्रति भी संवेदनशील रुख अपनाया जाएगा।

बाल विकास विभाग के संविदा कर्मियों की व्यथा

संविदा पर तैनात एक मुख्यसेविका ने कहा, “हमने अपने जिंदगी का सुनहरा हिस्सा विभाग को समर्पित कर दिया। बच्चों के पोषण, मातृ स्वास्थ्य और योजनाओं के क्रियान्वयन में दिन-रात काम किया। लेकिन आज भी हमारी नौकरी स्थायी नहीं है। हर साल सेवा विस्तार की तलवार लटकती रहती है। अब जब विशेष शिक्षकों के पक्ष में सरकार ने फैसला किया है, तो हमें भी भरोसा है कि हमारी दशा पर भी ध्यान दिया जाएगा।”

इसी तरह एक संविदा सीडीपीओ ने भावुक होते हुए कहा, “20 साल से अधिक समय से हम योजनाओं की रीढ़ बने हुए हैं। विभाग की हर योजना में हमारा प्रत्यक्ष योगदान है। फिर भी हम संविदा कर्मचारी कहलाते हैं। सरकार अगर हमें स्थायी कर दे तो हमारा भविष्य सुरक्षित होगा और विभाग का भी मनोबल बढ़ेगा।”

संवेदनशील निर्णय की अपील कर रहे संविदाकर्मी

कर्मियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि विशेष शिक्षकों की तरह बाल विकास विभाग के इन कर्मियों के स्थायीकरण पर भी निर्णय लिया जाए। उनका कहना है कि यह निर्णय न केवल उनकी लंबी सेवाओं का सम्मान होगा बल्कि उनके परिवारों की जीवन सुरक्षा की गारंटी भी बनेगा।संविदा कर्मियों का कहना है कि सरकार उनकी मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करे।

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